लखनऊ :
फौज मे मेडिकल टेस्ट पास के नाम पर 21 लाख की ठगी करने वाले गिरोह के पूर्व सैनिक समेत तीन गिरफ्तार।।
आर्मी से निकाला गए सैनिको ने बना लिया गिरोह करने लगे फर्जीवाड़ा और ठगी का धंधा।।
दो टूक: इंडियन आर्मी में शारीरिक दक्षता पास अभियार्थियों को मेडिकल टेस्ट पास कराने के नाम पर फर्जीवाड़ा में सक्रिय गिरोह का पर्दा फास करते हुए यूपी एसटीएफ टीम ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर खुलासा किया। गिरोह का सरगना
पोले वोहना बाला कसइया कोर्ट मार्शल से दंडित सैनिक है इसके दो साथी हरिओम,अजीत कुमार
को लखनऊ के कमाण्ड हास्पिटल से गिरफ्तार कर थाना कैट मे दाखिल किया।। भर्ती प्रक्रिया के तहत कमांड हॉस्पिटल में कई लोगो को बुलाकर मेडिकल टेस्ट पास कराने के नाम पर मोटी रकम ऐंठने का काम कर रहे थे। शिकायत मिलने पर ऐजेंसिया सक्रिय हुई है।
विस्तार:
यूपीएसटीएफ अपर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार नागर के मुताबिक आर्मी इंटेलिजेंस और एसटीएफ टीम की संयुक्त सूचना साझा करते हुए पता चला कि लखनऊ में सेना के किसी सैनिक के साथ मिलकर भारतीय सेना में अभ्यर्थियों के मेडिकल टेस्ट पास करवाने और कूटरचित नियुक्ति पत्र जारी कर बडे पैमाने पर धन उगाही का कार्य किया जा रहा हैं। कमाण्ड अस्पताल के अन्दर कथित आर्मी के लोगों ने फर्जी भर्ती प्रक्रिया हेतु बुलाया है जहां पर इन युवकों का मेडिकल आदि कार्याक्रम होना सम्भावित । सूचना पर अमल करते हुए संयुक्त कार्यवाही करते हुए बीते 15 मार्च दोपहर बाद कमाण्ड हास्पिटल कैण्ट लखनऊ से तीन लोगों को गिरफ्तार कर फर्जी मेडिकल टेस्ट पास कराने के नाम पर धन उगाही करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया था।
गिरफ्तार सरगना पूर्व सैनिक पोले वोहना बाला कसइया एलडीको सौभाग्यम बृन्दावन योजना पीजीआई लखनऊ जो कोर्ट मार्शल दण्डित पूर्व सैनिक है इसके अजीत कुमार निवासी बल्देव बिहार, तेलीबाग पीजीआई लखनऊ भारतीय सेना से सेवानिवृत्त है। हरिओम उर्फ नकुल माजिद का पुरा, थाना राजाखेडा, धौलपुर, राजस्थान का रहने वाला है।
इनके पास से 27 सेना से सम्बन्धित पत्र,दो कूटरचित मोहर।,तीन डिपेन्डेण्ट कार्ड। मिनिस्ट्री डिफेन्स अस्थाई पास। सेना आईडी कार्ड। भर्ती से सम्बन्धित दस्तावेज, मेडिकल रजिस्टर। अंक पत्र।
लीव सर्टीफिकेट। एसबीआई कार्ड।आधार कार्ड अंकित सिंह। ब्लैंक चेक एसबीआई। 1,330 रूपये नगद।
फर्जी डाक्यूमेंट तैयार करने का महारथ।
गिरफ्तार पोले वोहना बाला कसइया ने पूछताछ पर बताया कि वह सेना मे नायक के पद पर 2002 में भर्ती हुआ था। वर्ष 2021 में सेना में पैसों के गबन व फर्जी नौकरी दिलवाने के लिये पकडा गया था। जिसके बाद नौकरी से निकाल दिया गया और कोर्टमार्शल होकर जेल चला गया। इस गबन में उसके साथी स्वप्निल सूर्यवंशी व पवन राज को भी सेना से निकाल दिया गया था। वर्ष 2022 में जेल से वापस आने के बाद सेना के लोगों का फर्जी प्रपत्र बनवाकर उनका आसानी से लोन कराकर अच्छा कमीशन कमाने लगा और बैंक के साथ धोखाधडी करता था। इसी दौरान इसका सम्पर्क अजीत जो पूर्व सेना कर्मी है एवं अभिषेक मिश्रा उर्फ अभिराज व हरिओम उर्फ नकुल से हुआ जो पूर्व से ही गिरोह बनाकर बेरोजगार युवकों के साथ सेना में भर्ती कराने के नाम पर 04 से 05 लाख रूपये लेते थे।
फर्जी मेडिकल के नाम लिया 21 लाख ।।
पूर्व नियोजित धोखाधडी के कार्यक्रम के अनुसार हरिओम के द्वारा अपने साथ सुमित, अमन व अकित सिंह को फौज में फर्जी नौकरी दिलवाने के नाम पर फर्जी भर्ती प्रक्रिया हेतु बुलाया गया था जिसमें बाला व अजीत कुमार सेना का अधिकारी बनकर अभ्यर्थियों का फर्जी मेडिकल करा रहा था। जिसके एवज में इन्हे 04 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी मिलना था। धोखाधडी से प्राप्त 21 लाख रूपये बाला अपनी पत्नी नागेश्वरी देवी के पिता के बैंक एकाउन्ट में मंगाया था। प्राप्त धन का समस्त लेखाजोखा उसकी पत्नी ही देखती है।
गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना कैण्ट, कमिश्नरेट लखनऊ में मु0अ0सं0 23/2024 धारा 419/420/467/468 भादवि पंजीकृत कराया गया है। अग्रिम वैधानिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।