सोमवार, 18 मार्च 2024

लखनऊ : व्यवसायिक भवनों को आवासीय बता सरकारी खजाने में सेंध मारी।||Lucknow: By telling commercial buildings to be residential, there was a dent in the government treasury.||

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लखनऊ : 
व्यवसायिक भवनों को आवासीय बता सरकारी खजाने में सेंध मारी।।
◆ लाखों का हाउस टेक्स हजारो मे निपटा दिया।
दो टूक : लखनऊ नगर निगम जोन - आठ में गृह कर निर्धारण में हो रही धांधली थमने का नाम नही ले रही है । भवन कर निर्धारण में चल रही जांचे पूरी भी नहीं हो पाती हैं कि नगर निगम जोन - आठ के कर निरीक्षक कुछ नया गुल खिला देते हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मामले में चुप्पी साध कर किनारा कस लेते हैं । ऐसा ही एक ताजा मामला जोन - आठ के विद्यावती वार्ड द्वितीय सेक्टर - जी स्थित भवन संख्या - एमआईजी-256 के भवन स्वामी कैलाश चंद्र पुत्र रोशन लाल से जुड़ा हुआ हैं । बीते दस वर्षों से वित्तीय वर्ष 2023-24 तक उक्त भवन पर ₹ 8 लाख 92 हजार 9 सौ 42 रुपये का गृह कर निर्धारित कर नगर निगम ने भवन स्वामी को बिल जारी कर दिया लेकिन भवन स्वामी और नगर निगम के कर निरीक्षक आरआई हरिशंकर पांडेय ने मिलीभगत कर नगर निगम के सरकारी खजाने में लाखों रुपए का सेंध लगाते हुए गृह कर को मात्र ₹ 9182 रुपये में निपटा दिया ।
नगर निगम भवन कर मे खेला गया खेल ---