अम्बेडकरनगर:
बदलाव की राह: जेल में रोजाना बंदी कर रहे योग इससे स्वास्थ्य और सही राह पर चलने की मिलेगी प्रेरणा:जेल अधीक्षक।
ए के चतुर्वेदी।
दो टूक; नियति के क्रूर हाथों विवश हो जाने-अनजाने में किए गए अपराध की सजा भुगतने जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे कैदियों ने अकेलेपन एवं तनाव से मुक्ति पाने के लिए योग को साधन बनाया है। मौजूदा समय में जिला कारागार अंबेडकरनगर में रोजाना सुबह लगने वाली योग कक्षाओं में सवा सौ के करीब कैदी शामिल हो रहे हैं। कैदियों का योग प्रशिक्षक संजय सिंह भी कैदी ही है, जिसे अब गुरुजी के नाम से जाना जाता है। योगा सिर्फ शरीर को फिट रखने के लिए नहीं बल्कि मन और मस्तिष्क को शांत और स्वच्छ रखने के लिए भी जरूरी है। योग और आध्यात्म किसी भी व्यक्ति के जीवन को परिवर्तित कर सही राह पर ला सकती है।इसी को ध्यान में रखते हुए अम्बेडकरनगर जिला जेल प्रशासन द्वारा विचाराधीन बंदियों के लिए रोजाना घंटेभर का योग सेशन आयोजित कर रहा है। इसमें बंदी भी पूरे उत्साह के साथ हिस्सा ले रहे हैं और रोजाना नियमतः योगाभ्यास कर रहे हैं। इसकी शुरुआत जेल अधीक्षक अंशुमान गर्ग के आने के पश्चात शुरू हुई।जेल प्रशासन की मानें तो जिन बंदियों ने योग करना शुरू कर दिया है, वह अब कम ही जेल के अस्पताल में चिकित्सक के पास जाते हैं। थकान, बेचैनी, तनाव और पेट संबंधी कई बीमारियां योगासनों के नियमित अभ्यास से ठीक होने लगी हैं। यही वजह है कि अन्य बंदी भी अब योग की ओर आकर्षित हो रहे हैं।जेल अधीक्षक अंशुमान गर्ग द्वारा बताया गया आगामी समय में भी रोजाना योग की कक्षा निरंतर संचालित हो सके, जिससे नए आने वाले बंदियों को भी योग की कक्षा में शामिल करके उनके भविष्य की अच्छी राह के लिए मौके मिल पाएं। इस संबंध में जिला जेल के जेल अधीक्षक अंशुमान गर्ग ने बताया कि जेल के निरुद्ध बंदियों को अपराध से विमुख करने के लिए योगाभ्यास की पहल की गई है। इससे पहले भी बंदियों को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रयास किया जा रहा है। योग और ध्यान बंदीयों के लिए लाभदायक होगा। योग अभ्यास के इस क्लास में जेल पुलिस अधीक्षक अंशुमान गर्ग,जेलर गिरजा शंकर यादव, डिप्टी जेलर छोटेलाल सूर्यभान तेजवीर सिंह तथा विपिन, रघुनाथ,अनूप सहित जेलकर्मी भी योगा में हिस्सा लिये।