आजमगढ़:
लोकसभा सीट से अजय नरेश यादव के भाजपा से चुनाव लड़ने की चर्चाएं हुई तेज।
सिद्धेश्वर पाण्डेय।
दो टूक : आजमगढ़ के फूलपुर-पवई विधानसभा क्षेत्र के आँधीपुर गांव निवासी पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल स्व रामनरेश यादव के पुत्र अजय नरेश यादव का लोकसभा आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज हो गयी हैं। चट्टी चौराहों पर यह खबर आग की तरह फैल रही है। चर्चाओं के अनुसार बीजेपी अजय नरेश यादव के लोकल होने और पूर्व सीएम रामनरेश यादव का पुत्र होने का फायदा उठाते हुए सपा के गढ़ आजमगढ़ को आजमगढ़ के नाम से जीतना चाहती है ।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल स्व रामनरेश यादव 1977 में उत्तर प्रदेश के मख्यमंत्री बने थे। इसके बाद 2011 में उन्होंने मध्यप्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ लिए थे। स्व यादव के छोटे बेटे 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर फूलपुर-पवई से चुनाव लड़े थे। सपा की लहर में उन्हें बीजेपी से अधिक लगभग 26 हजार मत मिले थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एवं सपा के बीच गठबंधन में उन्हें फूलपुर-पवई से उम्मीदवार घोषित किया था। लेकिन समाजवादी पार्टी में टूट के बाद उनका टिकट काट दिया गया। जिसके चलते उन्होंने समाजवादी पार्टी को हमेशा के लिए छोड़ दिया। विगत 6 अप्रैल को अजय नरेश यादव को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भाजपा की सदस्यता दिलाई थी। अजय नरेश यादव के भाजपा में शामिल होने से आजमगढ़ को चिरपरिचित चेहरा मिल गया है । जिसपर भाजपा दांव खेल सकती हैं । अजय नरेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि वे एक सांस्कारिक परिवार से हैं। बाबूजी के सपनो को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं। एक सांस्कारिक पार्टी में आया हूं। पार्टी का जो भी आदेश निर्देश होगा उसका शतप्रतिशत पालन किया जाएगा। पार्टी कहेगी तो चुनाव भी लड़ने को तैयार रहूंगा। बाबूजी राजनीति से पहले आजमगढ़ कचहरी में वकालत करते थे। आजमगढ़ के अधिकवक्ता भी मेरा चुनाव लड़ेंगे। पूरा चुनाव आजमगढ़ बनाम सैफई होगा। आजमगढ़ की जनता को तय करना है कि उन्हें आजमगढ़ का सम्मान भारत वर्ष के नक्शे पर कहा दिखना है। वैसे भी आजमगढ़ हमारी पैतृक और चिरपरिचित धरती है ।