रविवार, 7 अप्रैल 2024

गोण्डा- नौ अप्रैल से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्र को लेकर इटियाथोक क्षेत्र के देवी मंदिरो मे तैयारी तेज, मेहनौन के प्रसिद्ध देवी मंदिर पर हजारों श्रद्धालुओं का होगा आगमन व लगेगा विशाल मेला

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दो टूक, गोण्डा- हिन्दू धर्म मे नवरात्र का काफी अधिक महत्व होता है। इस दौरान देवी मंदिरो की साफ सफाई व रंगाई पुताई कई दिन पूर्व शुरू हो जाती है और नवरात्र के नौ दिनों तक सम्पूर्ण विधि विधान से देवी मां की पूजा आराधना होती है। इस बार 9 अप्रैल को चैत्र नवरात्र का आरम्भ होने जा रहा है। नवरात्र में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अराधना भक्तो द्वारा की जाती है और मां दुर्गा के उपासना के लिये नौ दिनों तक व्रत भी रखा जाता है। नवरात्र को लेकर जिले के इटियाथोक क्षेत्र के देवी मंदिरो मे तैयारी तेज हो गई है। नवरात्र मे मेहनौन पंचायत के प्रसिद्ध पटमेश्वरी देवी मंदिर पर हजारों श्रद्धालुओं का आगमन होगा और नौ दिन तक विशाल मेला आयोजित होगा। बता दे की यह देवी स्थान हजारों श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है। यहां नवरात्र भर श्रद्धालुओं का तांता लगता है, जो मां के दरबार में अपनी मनौतियां लेकर माथा टेकने आते है। मेहनौन पंचायत में स्थित यह देवी स्थान कई दशकों से श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र रहा है। असत्य पर सत्य की विजय का गवाह यह वही ऐतिहासिक स्थान है जहां नववधू ने अत्याचारी राजा का वध किया था। हमेशा की तरह चैत्र नवरात्र मे यहाँ भक्तो की भारी भीड़ होगी और लोग मेले का आनंद लेंगे।

एक किदवंती के अनुसार पहले जंगल से सटे इस थरुहट क्षेत्र पर कनीज बाकड़ नामक राजा राज्य करता था। राजा ने नियम बना रखा था की जो भी नववधू उसके राज्य से होकर गुजरेगी उसे एक दिन उसके यहां रुकना होगा। राजा के इस आतंक की चर्चा तुलसीपुर स्थित पटमेश्वरी देवी स्थान तक पहुंच गई। यहां के एक सिद्ध पुजारी ने लोगों को समझाते हुए कहा कि मइया सब ठीक कर देगी। एक दिन नववधू का डोला जब इधर से गुजरा तो राजा ने हमेशा की तरह कहारों से डोला उतरवाकर नववधू को कैदकर अपने कब्जे में ले लिया। शाम को राजा ने जब गलत नियति से कमरे में प्रवेश किया तो वहां कैद नववधू ने राजा का सिर कलम कर दिया। बंद कमरे से कन्या की जोरदार आवाज आई कि आज से यहां किसी का डोला नहीं बल्कि सुअर चढ़ेगा। यह सुनकर लोगों ने जब कमरा खोला तो नववधू वहां से गायब मिली। रातभर में उस राजा का महल भी गिर गया। बताया जाता है की कई बार प्रयास के बावजूद यहां मंदिर का निर्माण नहीं कराया जा सका था कोई न कोई बाधा आ जाती थी। अब पिछले कुछ वर्षो से यहाँ मुख्य मंदिर सहित अनेक निर्माण कार्य जनसहयोग से हुए है। अब यह प्राचीन मंदिर और परिसर जिले के किसी बड़े मंदिर से कम नही लगता है। प्रत्येक नवरात्रभर यहाँ विशाल मेला लगता है और अनेक तरह के धार्मिक अनुष्ठान भी होते है। कहा जाता है की यहां सच्चे मन से पूजा अर्चना करने वाले भक्तो की सर्वमनोकामना अवश्य ही पूर्ण होती है।

यहाँ के स्थानीय बुजुर्गो ने बताया की जिस स्थल पर राजा की हत्या हुई थी उस स्थान पर कई दशकों तक सुअर की बलि चढ़ाई जाती रही लेकिन धीरे-धीरे अब यह प्रथा खत्म हो गई है, लेकिन जहां से नववधू गायब हुई थी उस स्थान की पूजा आज भी देवी स्थान के रूप में की जा रही है। यहाँ पर नवरात्र में हजारो श्रद्धालु दूर दूर से आकर माथा टेकते हैं। मनौतियां पूरी होने पर लोग सत्यनरायन कथा, मुंडन, हवन व श्रीमद्भागवत पाठ भी यहाँ कराते हैं।

इस मंदिर पर दूर दूर से आकर महिला, पुरुष, वृद्ध और बच्चे नवरात्र में देवी की पूजा आराधना करते है और मेले का आनंद लेते है। मेला क्षेत्र में खिलौनों, चूड़ियों, मिठाइयो, फलो, पूजन सामग्रियों और चाट आदि की तमाम दुकाने लगती है। यहाँ पर महिलाओं और बच्चों द्वारा जमकर खरीददारी की जाती है। सुरक्षा व्यवस्था में यहां नवरात्र भर हर रोज धानेपुर पुलिस टीम मौके पर मौजूद रहती है, इसमें महिला और पुरुष टीम रहती है। मेहनौन पंचायत की महिला ग्राम प्रधान गरिमा सिंह ने बताया की नवरात्रि के दौरान यहां पर काफी भीड़ होती है और दूरदराज क्षेत्रों से हजारों की संख्या में देवी भक्त आकर मां के दर्शन पूजन करते हैं। प्रधान प्रतिनिधि रामू सिंह ने बताया कि मंदिर पर नवरात्र में तमाम प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान जैसे कथा, भागवत, भजन कीर्तन, मुंडन संस्कार आदि होते रहते है। इस मंदिर पर प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को इलाकाई लोगो की भारी भीड़ होती है तथा लोग पूजा, अर्चना और देवी दर्शन करते है।

क्षेत्र में अनेक जगह होती है माँ की पूजा-
        चैत्र नवरात्र को लेकर कई दिनों से इलाके के देवी मंदिरो की साफ़ सफाई और रंगाई पुताई जोरो पर चल रही है। मेहनौन के प्रसिद्ध देवी मंदिर पर भी नवरात्र मेले की तैयारी चल रही है। इसी क्रम में क्षेत्र अंतर्गत अर्जुनपुर के कामिनपुर मंदिर, बिशुनपुर संगम के मुरलीपुरवा देवी मंदिर, गूंगीदेई के कंदरा सम्मय स्थान, हर्रैया झूमन के कालीमाई स्थान, विहुरी के भक्तितिन माई स्थान, श्रीनगर में विधायक मठ के निकट तिलकी माता मंदिर, अयाह के कोटरा माता स्थान समेत चुरीहारपुर, वेदपुर, परसिया बहोरीपुर आदि जगहों के देवी मंदिरो पर नवरात्र की तैयारी शुरू है।। गोण्डा से प्रदीप पांडेय की ख़ास रिपोर्ट।।