सुल्तानपुर:
अग्निशमन सेवा दिवस पर आपात सेवा वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
■ तृणय सेवा महे के आदर्श वाक्य के तहत जनता को आग व अन्य आपदा से रक्षार्थ सदैव मुस्तैद रहता है अग्निशमन विभाग।
दो टूक: 14 अप्रैल अग्निशमन सेवा दिवस पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी संजय कुमार शर्मा द्वारा पुलिस अधीक्षक सुलतानपुर सोमेन वर्मा को अग्निशमन सेवा दिवस का फ्लैग पिन लगाया और इस दौरान अग्निशमन सेवा सुरक्षा सप्ताह के शुभारम्भ पर पुलिस अधीक्षक सुलतानपुर सोमेन बर्मा द्वारा अग्निशमन आपात सेवा वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस विषय पर मानवाधिकार एक्टिविस्ट एवं समाजसेवी डी पी गुप्ता ने समाज को अग्नि व अन्य आपदा के समय देवदूत बन कर रक्षा करने वाले फायर विभाग के मुख्य अग्निशमन अधिकारी संजय शर्मा से विशेष वार्तालाप किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को फायर सेवाएँ ‘अग्नि शमन दिवस’ मनाती हैं जो लोक सेवा के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले अग्नि शमन कर्मियों की स्मृति में मनाया जाता है।
प्रदर्शनी, फिल्म शो, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रचार पुस्तिका के वितरण, गोष्ठियों, और व्याख्यानों द्वारा आग की रोक थाम का संदेश जनता तक पहुंचाया जाता है। फिल्म, टेलिविजन, रेडियो और अखबारों जैसे जन संचार माध्यमों के जरिये आग से रोक थाम का संदेश सफलता पूर्वक फैलाने में मदद मिलती है। फायर विभाग विद्यालयों और कालेजों में तथा अन्य जगहों पर जहां आग्रह किया जाता है, वहाँ आग से रोक थाम विषय पर व्याख्यान और प्रदर्शन आयोजित करता है। आग से रोक थाम की शिक्षा लोगों के जीवन और संपत्ति को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। यह एक उत्कृष्ट महत्वपूर्ण एजेंसी है और बड़े पैमाने पर सरकार और समाज से मजबूत समर्थन के हकदार है। उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवाओं का आदर्श-वाक्य है - ‘’हम बचाने के लिए काम करते हैं’’ जो संस्कृत के मूल आदर्श-वाक्य - ‘तृणय सेवा महे’ का शाब्दिक अनुवाद है। विदित हो कि इस आदर्श वाक्य के आधार पर प्राथमिकता वाली तीन उद्देश्य हैं । प्राथमिक उद्देश्य के तहत जीवन रक्षा यह अग्निश्मन सेवा का सबसे जरूरी हिस्सा है, जिसके लिए कर्मियों का अच्छी तरह से प्रशिक्षित होना जरूरी है। आग के मामलों में आग की बजाय आग से निकलने वाला धुआँ ज्यादा जानलेवा साबित होता है। धुआँ ही है जो दम घोंट कर पहले ही मार देता है। अग्निश्मन कर्मियों को सघन रूप से प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वे आग बुझाने की स्थितियों में पायी जाने वाली गर्म और धुएं से भरी हुई परिस्थितियों का सामना कर सकें और खोज प्रक्रिया के तरीकों का सही ढंग से पालन करते हुए हताहतों की खोज कर सकें। अग्निशमन सेवाओं के अतिरिक्त आपदाएँ भवन का ढहना, डूबने से बचाव आदि घटनाएँ हैं जिनमें तत्काल जीवन रक्षा की जरूरत होती है। माध्यमिक उद्देश्य के तहत राष्ट्रीय एवं सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना विभाग का उद्देश्य है। आग और धुवें से राष्ट्रीय और सार्वजनिक संपत्ति का अत्यधिक नुकसान होता है। इस नुकसान को रोकने के लिए अग्निशमन सेवाओं को अग्नि शमन में नवीनतम तकनीकी विकास से रू-ब-रू रहना होता है। आग से नुकसान को कम करने के लिए कर्मियों को व्यावहारिक अग्निशमन की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और विभिन्न प्रकोष्ठ हैं। उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवाएँ आग को उसके मुहाने पर जाकर इस तरह बुझाने का उपक्रम करती है ताकि आग बुझाने के दौरान इस्तेमाल किए गए पानी से संपत्ति का नुकसान न हो, वह खराब न होने पाये। तृतीय उद्देश्य के तहत नष्ट होने से बचाना और सुरक्षित करने को प्राथमिकता देते हुए मानवीय सेवाएँ और बचाव सेवाएँ का कार्य विभाग कार्य करता है। जिसमें उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा द्वारा संकट में पड़े मनुष्यों और पशुओं को प्राथमिक चिकित्सा सहायता दी जाती है। आग के घटनास्थल पर एक विंग अग्निशमन के कारण आग, धुएँ और पानी से संपत्ति के संरक्षण में व्यस्त रहता है। वे बिना जली संपत्ति को आग से परे हटाते हैं, पानी की निकासी का रास्ता बनाते हैं, जमीन पर जल भराव नहीं होने देते और हवा आने का रास्ता बनाते हैं। इन महत्वपूर्ण कामों के अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवाएँ निम्नलिखित कार्य भी करती है, जैसे कि समय-समय पर आग से बचाव और आग से रोकथाम पर सलाह देना एवं अति विशिष्ट व्यक्तियों को विमान से आगमन और प्रस्थान पर तथा सार्वजनिक सभाओं में आग से सुरक्षा प्रदान करना साथ ही साथ सांप्रदायिक दंगों, हड़ताल, त्योहार, सार्वजनिक सभाओं, बड़े जुलूसों आदि आपात स्थितियों में जनता को आग जैसी आपदा से सुरक्षा प्रदान करना है।