अम्बेडकर नगर:
त्रिकोणीय लड़ाई में फंसी अंबेडकरनगर की लोकसभा सीट।
दो टूक :अम्बेडकर नगर लोकसभा सीट ब्राह्मणों के लिए मुफीद मानी जा रही है। सामान्य सीट होने के बाद इस सीट से ब्राह्मण ही विजयी रहा है। ऐसा इसलिए है कि अकबरपुर सुरक्षित सीट से लोकसभा सामान्य सीट अम्बेडकरनगर अब तक ब्राह्मणों के पास रही है। ये सीट 2009 में सामान्य बनी। सामान्य सीट के बाद मोदी लहर पर राकेश पांडे ने जीतकर बसपा का परचम लहराया।
बसपा भी सपा और बीजेपी के साथ मुकाबले में दिख रही
2019 में इस सीट पर बसपा सपा गठबंधन से रीतेश पांडेय चुनाव लड़े और जीतकर लोकसभा पहुंच गए। हालांकि इस बार अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट त्रिकोणीय लड़ाई में फंसती नजर आ रही है। बसपा का गढ़ माने जाने वाली इस सीट पर बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारा है। ऐसे में जातीय समीकरण और बसपा के बेस वोटों की बात करें तो बसपा भी सपा और बीजेपी के साथ मुकाबले में दिख रही है।
2014 के पहले ये सीट सुरक्षित रही
अम्बेडकरनगर में बीजेपी से रीतेश पांडेय, सपा से लालजी वर्मा और बसपा से कमर हयात अंसारी उम्मीदवार हैं। रीतेश पांडेय बसपा छोड़कर बीजेपी में आए हैं। जबकि विधानसभा चुनाव से पहले लालजी वर्मा बसपा छोड़कर सपा में गए। वहीं कमर हयात अंसारी बसपा के पुराने सिपाही हैं। कमर हयात जलालपुर नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन रह चुके हैं। 2014 के पहले ये सीट सुरक्षित रही।
गठबंधन में रीतेश पांडेय चुनाव जीते
इस सीट से बसपा सुप्रीमो मायावती भी सांसद रह चुकी हैं। हालांकि सुरक्षित सीट से सामान्य होने के बाद दो बार लोकसभा चुनाव हुआ। 2014 और 2019 में। 2014 में बीजेपी से हरिमोम पांडेय सांसद बने। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा सपा से गठबंधन में रीतेश पांडेय चुनाव जीते। हालांकि इस बार इन सबसे इतर राजनीतिक विशेषज्ञ की मानें तो अबकी बार ये सीट त्रिकोणीय लड़ाई में फंसती नजर आ रही है।