गोण्डा:
सनातन ही हमारे देश की आत्मा है:आचार्य अवधेश महराज।
दो टूक : गोंडा जनपद के सोनबरस क्षेत्र के प्रसिद्द मेला स्थल सोनबरसा पोखरे पर स्थित ज्वालादेवी मन्दिर व आश्रम के संरक्षण सन्त छोटे बाबा के संरक्षण में आयोजित श्री राम कथा के तीसरे अध्याय में कथा वाचक आचार्य अवधेश जी महराज ने माता पार्वती और उनके पिता दक्ष प्रजापति व भगवान भोले नाथ के बीच संवाद की कथा सुनाई।
जिसमें उन्होंने बताया की भगवान शिव के अनेक नाम हैं जैसे शंकर, महादेव, महेश, नीलकंठ, उमापति आदि और उन्हीं नामों में से एक नाम है भोलेनाथ, भोले इसलिए क्योंकि बाबा बहुत सरल हैं और सुलभता से ही अपने भक्तों से प्रसन्न हो, उन्हें मन चाहे वर की प्राप्ति करा देते हैं, परंतु भोले बाबा जितने सरल हैं, उनका क्रोध भी उतना ही तीव्र है, यही कारण है कि भगवान शिव को प्रलयंकर भी कहा जाता है, भगवान शिव के क्रोध के शिकार दैत्य तो क्या देवता भी अनेकों बार हुए हैं, एक बार भगवान शिव ने अपने ही ससुर दक्ष प्रजापति का सिर क्रोधवश काट दिया था। इस प्रसंग से जुडी कथा में शिव पार्वती विवाह, दक्ष प्रजापति द्वारा आयोजित यज्ञ में बिना बुलाये माता सती का जाना अथवा परिहास और अपमान के बाद रुष्ट सती ने हवन कुंड में अपनी आहुति दे दी थी, उसके बाद शिव के क्रोध की ज्वाला धधक उठी उन्होंने दक्ष का सिर काटने के बाद सती के पार्थिव शरीर को लेकर सम्पूर्ण पृथ्वी का भ्रमण करने लगे जिससे उनका क्रोध बढ़ता देख विनाश की आशंका पर श्रीहरि ने सुदर्शन चक्र छोड़ा जिससे सती के श्रीअंग कट कर पृथ्वी के 52 स्थानों पर गिरे जहां शक्तिपीठों की स्थापना हुयी। काफी समय बाद देवताओं की स्तुति से शिव का क्रोध शांत हुआ।
कथा के तीसरे अध्याय में शिव पार्वती की कथा के बाद व्यास पीठ पर आरती के लिए संत छोटे बाबा व उनके अनुयायी भक्त उपस्थित रहे। कथा समापन में आचार्य अवधेश जी महराज ने कहा की सनातन हमारे देश की आत्मा है। सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए सदैव सजग रहना ज़रूरी है। कथा श्रवण करने के लिए डीपीआरओ लाल जी दूबे, शिवम पाण्डेय, राधेश्याम तिवारी, प्रदीप शुक्ला, कैलाश नाथ मिश्रा सहित क्षेत्र के सैकड़ो भक्त महिला पुरुष रहे।
संत छोटे बाबा ने बताया की कथा 12 मई तक चलेगी उसके बाद पूज्य गुरुदेव श्री खरखर दास की पुण्य स्मृति में विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा जिसमे सभी क्षेत्रवासी आमन्त्रित हैं।