मंगलवार, 28 मई 2024

लखनऊ :लाखो का बिल हजारो में कर के निपटा रहे नगर निगम के बाबू।Lucknow: Babus of the Municipal Corporation are breaking into the treasury by paying bills of lakhs in thousands.||

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लखनऊ :
लाखो का बिल हजारो में कर के निपटा रहे नगर निगम के बाबू ।

कर निरीक्षक बड़े बकायेदारों पर हुए मेहरबान।
दो टूक : लखनऊ नगर निगम जोन - आठ लगातार विवादों की चर्चा में रहने के बावजूद भी नगर निगम के सरकारी खजाने में सेंध लगने व भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है, जबकि कर वसूली में हुई धांधली के मामले में कई टैक्स इंस्पेक्टर जांच की आंच में घिरे हुए है । इन सब कार्यवाहियों के बावजूद भी टैक्स को लेकर नगर निगम अधिकारियों का निर्भीक तरीके से नगर आयुक्त और जिला प्रशासन के मंसूबों पर पानी फेरने का क्रम बदस्तूर जारी है । टैक्स को लेकर एक ऐसा ही ताजा मामला नगर निगम जोन - आठ के विद्यावती वार्ड - तृतीय स्थित एक व्यावसायिक भवन का उजागर हुआ है । उक्त व्यवसासिक भवन के क्षेत्रफल के अनुरूप वित्तीय वर्ष में 2012-13 में कुल हाउस टैक्स ₹ 157736/- था । जबकि वित्तय वर्ष 2014-15 में उक्त भवन के टैक्स कम कर ₹ 33189/- निर्धारित कर दिया गया जो बीते वर्षों से बकाया चला आ रहा था लेकिन नगर निगम जोन - आठ में आरआई के पद पर कार्यरत प्रभाकर दयाल ने उक्त व्यावसायिक भवन स्वामी पर कृपा बरसाते हुए पिछले सभी बकाए को दरकिनार करते हुए वित्तीय वर्ष 2022 से टैक्स निर्धारित कर पिछले सभी देनदारियों को माफ कर नगर निगम के खजाने में सेंधमारी करते हुए व्यवसाइक भवन स्वामी को नगर निगम के भार से मुक्त कर दिया । जानकारों की माने आरआई के इस कृत्य से नगर निगम के खजाने में लगभग छः लाख रूपये के राजस्व की हानि हुई है । सूत्रों की माने तो कर निरीक्षक प्रभाकर दयाल पूर्व में भी सेक्टर - के स्थित एक व्यावसायिक भवन संख्या के - 831 के स्वामी शिव नारायण आहूजा पुत्र स्व० जेडी आहूजा को बड़ी राहत पहुंचाते हुए 22 वर्ष पुराने भवन के बकाए टैक्स को दरकिनार कर वित्तीय वर्ष 2023 से कर निर्धारित कर मामले को ₹ 29484/- रूपये का हॉउस टैक्स जमा कराकर पिछले बकाये से मुक्त कर दिया था, जबकि उक्त भवन की रजिस्ट्री वर्ष 2002 में हुई थी । इस प्रकरण के जानकारी की बात जोनल अधिकारी से की गई तो जोनल साहब जबाब देने के बजाय चुप्पी साध गए।
नगर निगम की रसीद -----