लखनऊ:
डूडा अधिकारी बनकर पीएम आवास दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले दो शातिर आरेस्ट।
दो टूक: भारत सरकार द्वारा गरीब जनता के हित में चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास दिलाने हेतु डूडा आफिस लखनऊ का अधिकारी बन कालकर, वाट्सएप काल के माध्यम से उनके अभिलेख मंगाकर सैकड़ों लोगों से ठगी करने वाले संगठित गिरोह के दो शातिर जालसाजो को एसटीएफ टीम ने कानपुर नगर से गिरफ्तार कर थाना रेउना मे दाखिल किया।
विस्तार:
विशाल विक्रम सिंह अपर पुलिस अधीक्षक, एस०टी०एफ०उ०प्र० ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिलाने के नाम पर डूडा अधिकारी बनकर ठगी करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचना मिलने पर साइबर टीम एवं निरीक्षक संजय कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने छानबीन शुरु कर दी। इसी दौरान मुखबिर की सूचना पर शुक्रवार सुबह कानपुर नगर के थाना रेउना से दो लोगों को गिरफ्तार स्थनीय थिने मे दाखिल किया।
गिरफ्तार शातिर ठग का नाम प्रदीप सिंह उर्फ काला, सनी सिंह निवासी राम नगर थाना रेउना जनपद कानपुर नगर के रहने वाले है।
■ एसटीएफ के द्वारा पूछताछ पर गिरफ्तार ठगो ने बताया कि उनका एक संगठित गिरोह है। यह लोग आम आदमी की कूटरचित आईडी बनाकर सिम कार्ड खरीदते है। भारत सरकार द्वारा गरीब जनता के हित में चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास दिलाने हेतु डूडा आफिस लखनऊ का अधिकारी बनकर उन्ही मोबाइल नम्बरों से सीरियल नम्बरों पर काल करके लोगों को अपने जाल में फंसाकर, वाट्सएप के माध्यम से उनके अभिलेख मंगाते हैं। गैंग की महिलाओं के माध्यम से उन लोगों की आईडी पर नया बैंक खाता खुलवा लेते है। उन बैंक खातों में एसएमएस एलर्ट मोबाइल नम्बर के रूप में अपना मोबाइल नम्बर डलवा देते है व उसी एसएमएस एलर्ट नम्बर से यूपीआई आईडी बना लेते है। इसके बाद प्रधानमंत्री आवास दिलाने के लिए लोगों से कमशः रजिस्ट्रेशन के नाम पर, इसके बाद बैंक मैनेजर बनकर फाइल चार्ज के रूप में, फिर बैंक खाते में लो बैलेंस होने की बात कहकर लो बैलेंस मेन्टीनेंस चार्ज के रूप में रूपये फर्जी बैंक खातों में धोखे से डलवा लेते है। यदि ठगी का शिकार हुए व्यक्ति को शक होने पर वह अपना पैसा वापस मांगता है तो उसको बताते है कि आपकी फाइल का जो खर्च आया है वह जमा कर दो तो आपका पैसा वापस कर दिया जायेगा। इसी तरह कई प्रकार के बहाने बताकर ठगी करते है। दिन भर में 4 से 6 लोगों को झांसा देकर 50 से 60 हजार रूपये तक की ठगी कर लेते है। यह लोग लगभग 20 बैंक खातों में ठगी का पैसा मंगाते है, जिसको यूपीआई व एटीएम के माध्यम से तत्काल निकाल लेते है।
इनके विरुद्व थाना रेउना, कमिश्नरेट कानपुर नगर में मु०अ०सं० 70/2024 धारा 34/419/420/467/468/471 भादवि एवं 66 डी सूचना प्रद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम-2008 का अभियोग पंजीकृत कराकर दाखिल किया गया है, अग्रिम वैधानिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।