सोमवार, 20 मई 2024

सुल्तानपुर:प्रभु कृपा के लिए भक्ति की आवश्यकता-कथा व्यास।||Sultanpur:Need of devotion for God's grace-Katha Vyas.||

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सुल्तानपुर:
प्रभु कृपा के लिए भक्ति की आवश्यकता-कथा व्यास।
दो टूक : सुल्तानपुर जिले के गोसाईगंज थाना क्षेत्र के उमरी, मरियमपुर गांव में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन रविवार को हरिद्वार से पधारे कथा व्यास छवीलदास मिश्र ने भक्तों को भगवान श्री कृष्ण रुक्मिणी विवाहबकी कथा  विस्तार से कह सुनाइ।जिसे सुनकर भक्त आनन्दित हो उठे।कथा व्यास श्री मिश्र ने कहा कि प्रभु की कृपा के लिए भक्ति की आवश्यकता  होती है। इस दौरान कृष्ण-रुकमणी की सजीव झांकी सजाई गई। तथा संगीतमयी भजनों पर महिला,पुरुष श्रद्धालु मंत्र मुग्ध होकर जमकर  झूमे। उन्होंने बताया कि ग्वाल कृष्ण ने अपने मामा का नहीं बल्कि उसके अहंकार का वध किया। द्वापर युग में जब कंस का अत्याचार बढ़ा तब भगवान विष्णु ने मनुष्य रूप में श्रीकृष्ण का जन्म लेकर बड़े-बड़े राक्षसों का वध करने के बाद अंत में पापी कंस का वध कर लोगों को उसके अत्याचारों से छुटकारा दिलाया। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा नरेश के रूप में विराजमान होने के साथ देवी रूकमणी के साथ धूमधाम से विवाह रचाया।कथा मंच पर जैसे ही श्रीकृष्ण-रूकमणी झांकी प्रस्तुत हुई। श्रीहरि के जयघोष से पूरा पांडाल गूंज उठा। कथा वाचक द्वारा  मंत्रोचार के बीच जैसे ही विवाह का कार्य संपन्न हुआ ।तो मौजूद महिला श्रद्धालुओं ने मङ्गलगीत के साथ दोनो पर पुष्प वर्षा की।महिलाओं ने देवी रुक्मिणी को विदाई में यथासम्भव विदाई का उपहार भेंट किए।पंडाल में मौजूद जनमानस भाव विभोर होकर खुशी से झूम उठे।कथा समापन अवसर पर मुख्य यजमान तेज बहादुर सिंह के नेतृत्व में भक्तो ने व्यासपीठ की आरती उतारी।और उसके बाद  राजा परीक्षित की भूमिका में आयोजक प्रताप बहादुर सिंह उर्फ गप्पू सिंह ने पत्नी सविता सिंह के साथ श्री कृष्ण व देवी रुक्मिणी के पाव पखारे और मौजूद भक्तो को प्रसाद वितरित किया।