दो टूक, गोण्डा- जिले के ब्लाक क्षेत्र इटियाथोक अंतर्गत करुवापारा पंचायत मे लाखों की लागत से बनी पानी टंकी का ग्रामीणों को विगत कई साल से कोई लाभ नहीं मिल रहा है और यह टंकी बंद पड़ी है। ग्रामीण यहाँ नलों के दूषित जल को पीने को मजबूर हैँ और नीचे से ऊपर तक के सभी जिम्मेदार मौन बने हुए हैँ। जन प्रतिनिधियों समेत अन्य जिम्मेदारो के मनमानी और लापरवाही से लाखों रुपए की लागत से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बनी यह टंकी अब महज शोपीस बनकर रह गई है। ग्राम पंचायत, ब्लाक और जिले के विभागीय लोगो की लापरवाही के कारण ग्रामीणों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। गाँव के लोगो ने इसे शीघ्र चालू कराने की मांग की है।
बता दे की घर-घर शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए गांव मे लाखों रुपया खर्च किया गया। इतनी बड़ी रकम व्यय करने के बाद भी लोगों को एक बूंद भी पानी अब इस टंकी से नसीब नहीं हो रहा है। यहाँ सरकार ने गांव के लोगों को नीर निर्मल परियोजना के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 में 98.17 लाख रूपये की लागत से योजना बना दी। गाँव मे टंकी का निर्माण हुवा और घर घर टोंटी कनेक्शन से शुद्ध पानी सप्लाई होने लगा। अब करीब दो साल से यह टंकी बंद पड़ी है और ग्रामीणों को एक बूंद भी पानी टोंटी से नसीब नहीं हो पा रहा है। अनेक जगह टोंटी और पाईप भी खराब और टुटा पड़ा है। यह योजना अब पूरी तरह से यहाँ बेकार साबित हो रही है।
गांव के पूर्व प्रधान पुत्र धीरेंद्र तिवारी का कहना है कि पानी टंकी बनने के बाद कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक रहा और सप्लाई हुई लेकिन बाद में जमीन के अंदर बिछे पाइप से कई जगह पर पानी निकलने लगा। इसके बाद जिम्मेदारों ने ठीक करने का जो सिलसिला शुरू किया वह आज तक पूर्ण नहीं हो सका। उन्होंने कहा की अब यह टंकी बेकार पड़ी है। गौरतलब है की इस योजना से गांव के 341 घरो की 2308 आबादी को लाभान्वित किया जाना था। ग्रामीणों ने कई बार जिम्मेदारो समेत जन प्रतिनिधियों से इसको चलवाने का अनुरोध किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।