आजमगढ़ :
भक्त और भगवान की कथा है अनन्त : कथावाचक प्रभु दयाल।
सिद्धेश्वर पाण्डेय।
दो टूक : आजमगढ़ जनपद के फूलपुर नगर के बाबा परमहंस जी मंदिर परिसर में चल रहे संगीतमई श्री मद भागवत कथा सप्ताह के तीसरे दिन मंगलवार को व्यास पीठ से प्रभु दयाल जी ने भक्ति और भगवान व भागवत कथा का महत्व की कथा का अमृतपान से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
भागवत कथा सुनने की नहीं आत्मसात कर रसपान की तरह पीकर हृदय की गहराइयों में उतारने में लाभ होगा। महाभारत युद्ध के बाद चक्रवर्ती सम्राट युधिष्ठिर के बनने के पश्चात जब श्री कृष्ण जी द्वारिका जाने लगे कुन्ती ने कहा की हमे विपत्ति ही दे दो कृष्ण जिसमे आप नही वह सुख हमे नहीं चाहिए। आपने भीम को बचपन में डूबने से बचाया तो दस हजार हाथियों के बल के साथ वापस किया। लक्षा गृह के अग्नि काण्ड से बचाने वाले, द्रोपदी की लाज बचाई, युद्ध में हर संकट में आपने हमारे पांच पुत्रो की रक्षा की। आज पांचों पुत्र आपके वजह से जिन्दा है। हर कष्ट में आपने साथ दिया। और आज आप सुख समृद्धि देकर जा रहे हो। नहीं चाहिए हमे सुख हमे विपत्ति ही दे दो। वही युधिष्ठिर का उदास चेहरा देख श्री कृष्ण बोले, चक्रवर्ती सम्राट युधिष्ठिर आप उदास क्यों? युधिष्ठिर कहे अपनो को खोकर राज्य सुख नहीं अच्छा लगता। नारद जी व्यास जी पूर्व जन्म की कथा, भक्त और भगवान मे अटूट विश्वास की कथा से श्रोता मंत्रमुग्ध हो आंनद से भर गए। इस अवसर पर
दुर्गा देवी मोदनवाल, राकेश विश्वकर्मा, राजेश मोदनवाल, सुरेश गुप्ता,विष्णु मोदनवाल राजेश गुप्ता, रामू मोदनवाल, विमलेश आर्य, मनोज मोदनवाल, रमेश मोदनवाल, दीपक, अजय सहित गणमान्य और श्रद्धालु ज्ञान यज्ञ में उपस्थित रहे।