शनिवार, 29 जून 2024

गोण्डा- डीएम नेहा शर्मा ने प्रशासनिक कार्य में लापरवाही बरतने वाले ग्राम विकास अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी पंचायत पर की कार्रवाई

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दो टूक, गोण्डा- जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने मुजेहना विकासखंड के ग्राम मंगरवा (भवानीपुर) के ग्राम विकास अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी पंचायत के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में उनके स्तर पर की गई गंभीर लापरवाही एवं संवेदनहीनता को देखते हुए यह कार्रवाई की गई है। इन दोनों के खिलाफ मध्यावधि विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई है। 
       बता दें, जिलाधिकारी नेहा शर्मा की ओर से बीते शुक्रवार को मुजेहना विकासखंड अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायत में ग्राम चौपाल का आयोजन किया था। ग्राम कौरहे में आयोजित ग्राम चौपाल के दौरान मंगरवा (भवानीपुर) निवासी शिवकुमारी ने बताया कि उसके पति रामचरण का निधन दिसंबर 2021 में हो गया था। वह तभी से लगातार पति के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए संबंधित सचिव तथा एडीओ पंचायत से कई बार संपर्क कर चुकी है। लेकिन, अभी तक मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। 

इस प्रकरण में जिलाधिकारी ने मौके पर मौजूद विकासखंड मुजेहना के सहायक विकास अधिकारी पंचायत गणेश प्रताप सिंह और ग्राम मंगरवा (भवानीपुर) के सचिव दीप नारायण पांडेय से स्पष्टीकरण मांगा। चौपाल में उपस्थित सहायक विकास अधिकारी पंचायत गणेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रकरण 1 वर्ष से अधिक पूर्ण होने के कारण ऐसे अनुमति हेतु उप जिलाधिकारी को संदर्भित कर दिया गया है और अनुमति प्राप्त नहीं हो पाई है। हलांकि, इतने लंबे समय से प्रकरण लंबित होने के संदर्भ में वह स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाए। 

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि शासन द्वारा जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के निर्गमन हेतु समय सीमा निर्धारित की गई है। ग्राम पंचायत स्तर से निर्धारित अवधि 21 कार्य दिवस में ऐसे आवेदक का निस्तारण होना चाहिए। निर्धारित समय सीमा में निस्तारण न होना संबंधित ग्राम पंचायत सचिव का  अपने दायित्वों के प्रति गंभीर उदासीनता लापरवाही एवं अनुशासनहीनता को दर्शाता है। पति की मृत्यु होने पर किसी महिला को मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए महीना कार्यालय का चक्कर लगाने हेतु बाद होना उत्तरदाई कर्मियों की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा का परिचायक है। जिलाधिकारी ने बताया कि दोनों के खिलाफ मध्यावधि विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि जारी कर दी गई है। जिला पंचायत राज अधिकारी को स्पीकर में कार्रवाई सुनिश्चित कर तमिल रिपोर्ट उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।