गोण्डा:
बैंको की उदासीनता के चलते पीएम पशु केसीसी योजना पूरी तरह फ्लॉप।
प्रदीप शुक्ला।
दो टूक : पशु पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रधानमन्त्री पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की थी, ताकि किसान पशु पालन करके आर्थिक रूप से और समृद्ध हो सकें लेकिन देखने को मिलता है की किसानो के आवेदन बैंको में पड़े रह जाते हैं जिस पर प्रबन्धक रूचि नही लेते। ऐसे कई पशु पालको से हमारी बात हुयी उन्होंने बताया की साल भर पहले आवेदन किया था लेकिन आज तक लोन नही मिला, लोन न मिलने की क्या वजह थी इसकी भी कोई जानकारी नही दी गयी।
दर असल इस योजना की शुरुआत पशुपालन एवं कृषि मंत्री द्वारा वर्ष 2022 में की गयी थी।
योजना के तहत पशुपालकों को पशुओं के लिए क्रेडिट कार्ड के रूप में ऋण दिया जाना था, सरकार की मंशा थी की पशु पालन के क्षेत्र को बढ़ावा मिले लेकिन विगत वर्षों में प्रधान मंत्री पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना पूरी तरह फ्लॉप रही, जिसका सबसे बड़ा कारण बैंको की उदासीनता मानी जा रही है इसके साथ पशु पालन विभाग भी कम जिम्मेदार नही है।
इस योजना के माध्यम से पशु पालन को बढ़ावा देने के लिए मात्र 4 परसेंट की ब्याजदर पर बिना गारंटी के एक लाख 60 हजार रूपये का ऋण देने की योजना थी जिसमे गाय भैंस पर अलग नियम लागू किया गया था, ऋण लेने वाले पशु पालकों को एक साल में ऋण का भुगतान अनिवार्य है। इस योजना के अन्य कई फायदे हैं जो पशुपालकों के लिए लागू किया गया था। मुजेहना ब्लॉक के माधवगंज में स्थित दूध डेयरी के संचालक शिव शरन मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया की करीब साल भर पहले सैकड़ों पशुपालकों का फ़ार्म बैंक में जमा किया गया था लेकिन उनमे से एकाध को छोड़ कर किसी को इस योजना का लाभ नही मिल सका, वहीं इंडियन बैंक धानेपुर के शाखा प्रबन्धक अभय गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया की पशु पालकों के आवेदनों की जांच करके लोन स्वीकृत जाता है। कई किसानो का ऋण स्वीकृत हुआ है।