मनरेगा में भ्राष्टाचार जॉच की आंच पहुची गॉव।
दो टूक :मनरेगा में भ्रष्टाचार की जांच उपश्रमायुक्त के द्वारा दबाव बना कर बयान कराया गया । बयान कर्ता ने जिला अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर जांच की मांग की ।
ब्लॉक के ग्राम पंचायत में फर्जी मनरेगा में भुगतान के वायरल विडियो की जांच जिला अधिकारी के द्वारा उपश्रमायुक्त को सौंपी गई थी।जिसका जांच करने गए उपाश्रमयुक्त तथा अन्य अधिकारी व प्रधान तथा रोजगार सेवक के द्वारा दबाव बनाकर बयान करवाया गया ।
विस्तार:
मामला विकासखंड रूपईडीह के ग्राम पंचायत नारायणपुर माफी में मनरेगा के भेजे गए रुपए पर लेनदेन का वीडियो वायरल हो रहा था। जिस तरह से वीडियो में साफ-साफ दिख रहा है कि किस तरह से मनरेगा के तहत भ्रष्टाचार चरम पर है फिर भी विभागीय अधिकारियों ने भ्रष्टाचार पर लीपापोती में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और विभागीय अधिकारियों द्वारा मनरेगा घोटाला में बयान कर्ता पर दबाव बना कर बयान फर्जी करा लिया गया। जहां आज एक नया मोड़ आ गया जब बयान कर्ता बच्चा राम पुत्र सहजराम ने जिला अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि वायरल विडियो की जांच जिला अधिकारी के द्वारा उपश्रमायुक्त को सौंपी गई थी जिस पर उपश्रमायुक्त ,खंड विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान,व रोजगार सेवक सहित अधिकारी के द्वारा वायरल विडियो की जांच करने पहुंचे तो मेरे ऊपर ऐसे बयान देने के लिए दबाव बनाया जाने लगा कि रूपये को कर्ज में ली गई थी लेकिन बयान कर्ता ने कहा कि मैं डरवश श्रमायुक्त के कहने पर किया है न कभी ऋण लिया था न बकाया था । जिसकी शिकायत जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर जांच व कार्रवाई की मांग की। क्या भ्रष्टाचार में लिप्त है जिम्मेदार अधिकारी ,बाजारों में जोरों से चर्चा । विकास खंड रूपईडीह के ग्राम पंचायत नारायणपुर माफी में मनरेगा में फर्जी भुगतान कर रूपये की वसूली करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर जिलाधिकारी के द्वारा उपश्रमायुक्त को जांच सौंपी गई लेकिन उपश्रमायुक्त व अन्य अधिकारियों के द्वारा दबाव बनाकर फर्जी बयान लेकर मनरेगा में हुएं भ्रष्टाचार को दबाने में लग गए। जिसकी शिकायत बयान कर्ता बच्चा राम ने जिला अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर जांच व कार्रवाई की मांग की जिसकी चर्चा बाजारों में तेजी से हो रहा है।