सोमवार, 10 जून 2024

लखनऊ :बिरसा मुंडा ने जल,जंगल, जमीन रक्षा के लिए लड़ी लड़ाई।||Lucknow:Birsa Munda fought to protect water, forests and land.||

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लखनऊ :
बिरसा मुंडा ने जल,जंगल, जमीन रक्षा के लिए लड़ी लड़ाई।
◆बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर हुआ संवाद ।।
दो टूक : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के छात्र संगठन अम्बेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट्स यूनियन ने बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर उनके द्वारा किए गए संघर्षों पर संवाद किया।जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए बलिदान से प्रेरणा लेने की बात हुई।मूलचंद्र कनौजिया ने कहा कि बिरसा मुंडा ने मुंडाओं को जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए बलिदान देने के लिए प्रेरित किया। बिरसा मुंडा का पूरा आंदोलन 1895 से लेकर 1900 तक चला। इसमें भी 1899 दिसंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर जनवरी के अंत तक काफी तीव्र रहा। पहली गिरफ्तारी अगस्त 1895 में बंदगांव से हुई।दीपांजलि ने कहा कि धरती आबा बिरसा मुंडा का उदय 1857 के दो दशक बाद हुआ। खूंटी के उलिहातू में 15 नवंबर 1875 को बिरसा मुंडा का जन्म हुआ। बिरसा की प्रारंभिक शिक्षा चाईबासा के जर्मन मिशन स्कूल में हुई। पढ़ाई के दौरान ही बिरसा की क्रांतिकारी तेवर का पता चलने लगा।दयानन्द ने कहा कि मुंडा जनजाति के सदस्य के रूप में उन्होंने बहुत छोटी उम्र में ब्रिटिश शासन का कड़ा विरोध किया और अपने लोगों के लिए जमकर लड़े। बिरसा मुंडा ने 1895 में ब्रिटिश शासन का विरोध शुरु किया।कीर्ति आजाद ने कहा कि जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ी थी.. अंग्रेजों, जमींदारों और शोषकों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।विपिन शर्मा, आनंद मैथिल समेत दर्जनों छात्र मौजूद रहे।