सोमवार, 3 जून 2024

बलरामपुर:बुजुर्ग दलित मौत प्रकरण की पांच सदस्यीय SIT टीम करेगी जांच,मिलेगा न्याय।||Balrampur: A five-member SIT team will investigate the death of an elderly Dalit, justice will be delivered.||

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बलरामपुर:
बुजुर्ग दलित मौत प्रकरण की पांच सदस्यीय SIT टीम करेगी जांच,मिलेगा न्याय।।
दो टूक : बलरामपुर जनपद के थाना गैंडास बुजुर्ग अंतर्गत थाने से सटी व्यक्ति की निजी व्यावसायिक भूखण्ड जमीन को पुलिस द्वारा ही महानवमी के दिन कब्जाने के मामले में दलित राम बुझारत द्वारा आत्महत्या के प्रकरण में मृतक की विधवा पत्नी एवं परिजनों को न्याय दिलाने के लिए डीएम की न्यायपूर्ण कार्यवाही पर हाईकोर्ट की दो जजों की खण्डपीठ की मुहर, सिंगल बेंच के आदेश को मात्र 18 घंटो से भी कम समय में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पलट दिया। और आत्महत्या मामले में हाईकोर्ट ने S.I.T. ( Special Investigation Team)करने का आदेश दिया। जिसमे न्यनूतम आईजी रैंक और प्रमुख सचिव रैंक के अधिकारियों की 05 सदस्यीय S.I.T. मामले की जांच करेगी। जिसमे अत्यन्त वरिष्ठ IAS/IPS अफसरों की S.I.T. टीम होगी।
विस्तार:
मा0 हाईकोर्ट ने थाना गैंडास बुजुर्ग बलरामपुर मे दलित आत्महत्या मामले में पूरे पुलिस एवं विशेष रूप से बलरामपुर और बहराइच पुलिस की जांच एवं कार्रवाई पर फटकार लगाते हुए एसआईटी टीम गठित कर घटना की विस्तृत जॉच करने का आदेश दिया है।
यह बहुत दुर्भाग्य का विषय है जिस दिन यह सुनवाई हो रही थी उस दिन भी स्थानीय पुलिस ने रामबुझारत की विधवा पत्नी पर प्रताड़ित करने की नीयत से अनर्गल आरोप लगा रही थी।
दलित राम बुझारत द्वारा आत्महत्या के प्रकरण में हाई कोर्ट की सर्विस साइड वाली सिंगल बेंच के दिनांक 29.05.2024 के आदेश को मात्र 18 घंटे के अन्दर ही पलटते हुए हाईकोर्ट की दो जजों वाली खण्डपीठ ने दिनांक 30.05.2024 को बलरामपुर और बहराइच पुलिस की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए हाईकोर्ट की निगरानी वाली न्यूनतम आईजी एवं प्रमुख सचिव रैंक के बहुत वरिष्ठ IAS/IPS ईमानदार और निपुण अधिकारियों वाली S.I.T  गठित करने का आदेश अपर मुख्य सचिव गृह उत्तर प्रदेश शासन को दिया है।
चूंकि हाईकोर्ट ग्रीष्म कालीन अवकाश पर जा रही थी और पुलिस ने लाखों रूपए खर्च करके मंहगा प्राइवेट वकील कर रखा था जो कि पूरी तैयारी के साथ ऊंची आवाज में बात को रख रहे थे, जबकि सरकारी वकील चुप्पी साधे हुये था, इसलिए सिंगल बेंन्च ने मानवीय आधार पर आदेश दिये कि दरोगा का वेतन निर्गत कर दिया जाय। चूंकि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच जो कि मात्र सर्विस साइड को देख रही थी उसने अब स्वयं जिला मजिस्ट्रेट से ही अपना पक्ष रखने के लिए अन्तरिम आदेश दे दिया है। अतः यह एक प्रकार से सुखद निर्णय है क्योंकि अब जिला मजिस्ट्रेट को यह अवसर मिल गया है कि वह स्वयं अपना पक्ष, सीधे कोर्ट के समक्ष रख सकेंगे कि उन्होंने किस अधिकार के तहत दरोगा के विरूद्ध अपने न्यायालय से आदेश पारित किया था। इससे सरकारी वकील की निर्भरता भी खत्म हो जाएगी और 04 हफ्ते में हाईकोर्ट का स्टे स्वतः समाप्त हो जाएगा अर्थात एसएचओ को मात्र वेतन पाने की ही अन्तरिम रिलीफ मिली है। परन्तु वेतन निर्गत करने के सिंगल बेंच के आदेश की आयु मात्र 18 घन्टे ही रही। क्योंकि जब दूसरे दिन मामला क्रिमिनल साइड में दो जजों की खण्डपीठ में गया तो दो जजों की खण्डपीठ ने जिला मजिस्ट्रेट द्वारा दिनांक 30.04.2024 को पारित 35 पेजेज आर्डर को आधार मानते हुए एक तरह से जिला मजिस्ट्रेट को मान्यता दे दी। मृतक दलित राम बुझारत की पत्नी द्वारा रिट में तत्कालीन थानाध्यक्ष पवन कनौजिया एवं पुलिस के जनपद स्तरीय अधिकारियों पर जो व्यापक आरोप लगाये थे उन आरोपों की पुष्टि जिला मजिस्ट्रेट के न्यायालय के आदेश से हुई थी। जबकि मृतक राम बुझारत ने आत्म हत्या के कुछ घन्टे पहले थानाध्यक्ष पवन कनौजिया को लिखित प्रार्थना पत्र भी दिया था और न्याय की गुहार लगाई थी। 
दो जजों की खण्डपीठ ने 30 मई 2024 को पूरे पुलिस की कार्यवाही और आचरण पर गहरा प्रश्न चिन्ह लगाते हुए अपने अत्यन्त गुस्से को स्पष्ट इजहार किया और कहा कि ----
*‘‘Therefore, the prayer in the given circumstances is that a fair and proper investigation is not possible in the manner in which it is being conducted at present.*

*The Court is not satisfied with the manner in which investigation is ignored in the present matter.*

*In the given circumstances, the Additional Chief Secretary (Home), Government of U.P. is directed to suggest the names of senior police officers for constitution of SIT having adequate expertise in such matters for investigation..................in the matter on or before 12.06.2024 and communicate to this Court. विशेषकर बलरामपुर पुलिस एवं वर्तमान में प्रकरण की जांच कर रही बहराइच पुलिस पर सवालिया निशान लगा दिया है।
हाईकोर्ट का विश्वास बलरामपुर पुलिस और बहराइच पुलिस से उठ गया है। हाईकोर्ट की दो जजों की खण्डपीठ ने मामले की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव गृह उ0प्र0 को आदेश दिए हैं कि वह निष्ठावान एवं निपुण अत्यन्त सीनियर (IAS/IPS) अधिकारियों का पैनल जिनमें न्यूनतम आईजी रैंक एवं (प्रमुख सचिव रैंक) के अधिकारियों का एक पूरा पैनल हाईकोर्ट को आगामी 12 जून तक प्रेषित करें। 12 जून के दिन हाईकोर्ट की दो जजों की बेंच इनमें से सबसे निष्ठावान एवं निपुण (IAS/IPS) अधिकारियों की 05 सदस्यीय एसआईटी स्वयं गठित करेगी। अब इस  S.I.T.के कार्यों की स्वयं निगरानी H.C. करेगा। 
इससे स्पष्ट है कि इस न्याय के युद्ध में विगत 06 माह से दलित मृतक राम बुझारत के परिवार को न्याय दिलाने के लिए मात्र एक अधिकारी खड़ा था और सिंगल बेंच ने सिर्फ 04 हफ्ते की रिलीफ कानूनी आधार पर आरोपी पुलिस को दी थी, क्योंकि कोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश था। उस पर जनपद बलरामपुर के आरोपी विभाग द्वारा पार्टी एवं भद्दा जश्न मनाया गया जो कि उनके अनैतिक आचरण का स्वयं परिचायक है।
मात्र 18 घन्टे में निर्भया काण्ड जैसी उच्चाधिकारियों की  S.I.T गठित करने का आदेश दो जजों की खण्ड पीठ ने दिया है, जिसकी मानीटरिंग स्वयं हाईकोर्ट दिन-प्रतिदिन के आधार पर करेगी। इससे मामले में छोटे से लेकर बड़े पुलिस अधिकारी जो भागीदार या संरक्षक रहे हैं, उन्हें  S.I.T. और हाईकोर्ट से दण्डित होने की बहुत प्रबल संभावना है।
यह बहुत दुर्भाग्य का विषय है जिस दिन यह सुनवाई हो रही थी उस दिन भी पुलिस ने रामबुझारत की विधवा पत्नी पर प्रताड़ित करने की नीयत से अनर्गल आरोप लगाते हुए जनपद के पुलिस के वरिष्ठतम अधिकारी द्वारा पत्र लिखे गये थे।
यह भी उल्लेखनीय है कि सिंगल बेंच द्वारा कभी भी जिला मजिस्ट्रेट की कार्यवाही पर कोई फटकार नहीं लगाई गई और न ही गुस्सा ही व्यक्त किया गया। मात्र सरकारी वकील की चुप्पी एवं ग्रीष्म कालीन अवकाश होने के कारण  04 हफ्ते का वक्त जिला मजिस्ट्रेट को दिया है जिससे कि जिला मजिस्ट्रेट अब सीधे अपना पक्ष ग्रीष्म कालीन अवकाष के बाद सीधे सिंगल बेन्च के समक्ष रखने का सुनहरा मौका मिल गया है और सरकारी वकील पर निर्भरता समाप्त हो गयी है। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा किस अधिकार के तहत दरोगा के विरूद्ध आदेश पारित किया गया इसका जवाब कोर्ट में दाखिल होने से पूरे मामले में 180 डिग्री का टर्न स्वतः ही आ जाता परन्तु मात्र 18 घन्टे में ही पूरी स्थिति पलट गई और अब  निर्भया काण्ड और प्रज्ज्वल रेवन्ना काण्ड जैसी  S.I.T.  का गठन स्वयं H.C. ने कर दिया है। अब राम बुझारत की जान लेने के दोषियों एवं इन दोषियों के संरक्षकों को दण्ड मिलेगा।