मंगलवार, 23 जुलाई 2024

लखनऊ आजादी के 75 साल बाद भी भाटन खेड़ा गांव में नहीं है विद्यालय।||Lucknow Even after 75 years of independence, there is no school in Bhatan Kheda village.||

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लखनऊ 
आजादी के 75 साल बाद भी भाटन खेड़ा गांव में नहीं है विद्यालय।।
मासूम  बच्चों को पढ़ने के लिए जाना पड़ता है चार किमी दूर।।
।। अभिषेक दुबे ।।
दो टूक : राजधानी लखनऊ के मोहनलाल गंज ब्लाक क्षेत्र के ग्राम गौरा भाटन खेड़ा में प्राथमिक विद्यालय न होने से यहां के बच्चों को चार किलोमीटर की दूरी तय कर के निजी स्कूल या दूसरी ग्राम पंचायत में स्थित प्राथमिक विद्यालयों में जाना पड़ता है। यहां की आबादी करीब दो हजार है। चार किमी की परिधि में न सरकारी और न ही निजी विद्यालय है।
विस्तार:
बताते चले कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी राजधानी लखनऊ मुख्यालय से 25 किलो मीटर पर स्थित मोहनलालगंज ब्लाक क्षेत्र के गौरा भाटन खेड़ा में प्राथमिक विद्यालय न होने इस गॉव के मासूम बच्चे पढ़ने के लिए गॉव से चार किलोमीटर दूसर जाना पडता है। गॉव में शिक्षा की बुनियादी व्यवस्था न होने से सवाल खड़ा होता है। अभी भी गांव की कुछ बच्चियां स्कूल न होने से पढ़ नहीं पा रही हैं। शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के दावे तो बहुत किए जाते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी अनेकों गांव में प्राथमिक शिक्षा की हालत बेहद खराब है। लोग बच्चों को पढ़ाना तो चाहते हैं लेकिन विद्यालय के न होने से उनके सपनों को पंख नहीं लग पा रहा है। कोरोना के कारण लगातार विद्यालय बंद रहा लेकिन अब विद्यालय चल रहा है तो बच्चों के स्वजन को चिता सता रही है। 
क्या कहते हैं ग्रामीण ।
भाटन खेड़ा गांव के ग्रामीणों कहते हैं कि पढ़ने के लिए बच्चों को दूर जाना पड़ता है। बच्चे तो स्कूल जाते हैं लेकिन कुछ लड़कियां अभी भी अशिक्षित रह जा रही हैं। ग्रामवासियों ने कहा कि दूसरे ग्राम पंचायत में पढ़ने के लिए बच्चों को मुख्य सड़क से जाना पड़ता है, जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बच्चों को पढ़ाना है इसलिए विवशता है। गांव के ग्रामीणों कहते हैं कि स्कूल काफी दूर है जिससे बच्चों को सुबह जल्दी उठकर तैयारी में लग जाना पड़ता है। बच्चे जब तक वापस नहीं आ जाते तब तक चिता बनी रहती है। बच्चों के इंतजार में ही पूरा दिन बीत जाता है। ग्राम वासी ने कहा कि अगर गांव में स्कूल होता तो बच्चों की पढ़ाई में आसानी होती। लेकिन अभी तक स्कूल नहीं बना। बाकी सभी गांवों में सरकारी स्कूल है। इसके लिए प्रयास भी किया गया लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने कहा कि अधिकारी और जनप्रतिनिधि वर्षों से यहां विद्यालय बनवाने का आश्वासन देते हैं, लेकिन आजादी के बाद से ही यहां स्कूल नहीं बन पाया। ग्राम भाटन खेड़ा में प्राथमिक विद्यालय नहीं है, इसकी जानकारी नहीं थी। जनप्रतिनिधियों से वार्ता करके शिक्षा विभाग व मानवी राजपाल महोदय उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को पत्र लिखकर विद्यालय की स्थापना के लिए आवश्यक पहल किया जाएगा।