रविवार, 21 जुलाई 2024

आजमगढ़ : लूटे हुए काफिले की याद में कारवाने गम में निकाला गया जुलुस।||Azamgarh :  A procession was taken out in Caravane Gham in memory of the looted convoy.||

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आजमगढ़ :  
लूटे हुए काफिले की याद में कारवाने गम में निकाला गया जुलुस।
।। सिद्धेश्वर पाण्डेय ।।
दो टूक :आजमगढ़ जिले के फूलपुर तहसील क्षेत्र के चमावा गांव में  रविवार को लूटे हुए काफिले की याद में कारवाने गम जुलुसे अमारी सुबह आठ बजे बुद्धु खां मस्जिद से बरामद किया गया। इस मौके पर चार अमारियां, जुल्जेना , हजरत अब्बास का अलम,  जनाबे अली असगर का झूला की शबीह निकली गई। इसमें स्थानीय और बाहरी अंजुमनों ने नौहा मातम  और सीना जनी किया। उल्ले माओ ने वाक्यायते करबला पेश किया।
जुलूस के सबसे आगे हजरत अब्बास का अलम लेकर लोग चल रहे थे। बाहर से बुलाई गई अंजुमन सज्जादिया बड़गांव घोसी, अंजुमन जिनातुल अजा  बाराबंकी, अंजुमन अब्बासिया निमोली फैजाबाद, अंजुमन  सज्जादिया  कोपागंज  मऊ ने जगह -जगह रुककर नौहा मातम कर चल रही थी। मौलाना मेराज हैदर, मौलाना सैयद सज्जाद हुसैन रिजवी, मौलाना नदीम असगर, मौलाना सैयद इंतजार हुसैन, मौलाना असगर मेहदी   ने चुनिंदा स्थानों पर तकरीर किया। उल्लेमाओ  ने कहा हुसैन इन्सानियत का नाम है। तकरीर में इमाम हुसैन और उनके बहत्तर साथियों की कुर्बानी की दास्तान  सुन सभी लोग रो पड़े। जुलूस  हजरत अब्बास के रौजा होते हुए रसूले खुदा के रौजा पहुंचा जहां जुलूस का समापन हुआ। अलविदाई  नौहा अंजुमन फरोगे अजा ने पेश किया जो बहुत ही गम भरा था। जुलूस में अधिकतर लोग गम का प्रतीक लिबास पहन कर आए हुए थे। जुलूस में कई स्थानों पर जायरिनो के लिए शर्बत के स्टाल लगाए गए निजामत सहर अर्शी ने किया। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस जुलूस के साथ चल रही थी।  संयोजक रजीउल हसन ने सभी को शुक्रिया कहा।