बुधवार, 10 जुलाई 2024

कुशीनगर : वर्षों से एक ही तहसील मे जमे हुए लेखपाल,प्रशासन मौन।||Kushinagar : Lekhpal stuck in the same tehsil for years, administration silent.||

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कुशीनगर : 
वर्षों से एक ही तहसील मे जमे हुए लेखपाल,प्रशासन मौन।।
■ पडरौना तहसील में आठ लेखपाल कर्मियों का स्थानांतरण का मामला ।
दो टूक : एक ही तहसील क्षेत्र में कार्यावधि अधिकतम 28 वर्ष होने के बाद भी इन लेखपालों का स्थानांतरण आखिर क्यों नहीं दूसरे तहसील में कर रहा है जिला प्रशासन
विस्तार :
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के पडरौना तहसील में कार्यरत कुछ लेखपालों की कार्यावधि दस वर्ष से ऊपर होने से मनमानी कर तहसील कार्य प्रभावित करने में लगे हैं। इनकी कार्य शैली शासन के अनुरूप नहीं होता दिख रहा है। इनकी नेतागिरी शुरू हो गई। बताया जाता है कि इस पडरौना तहसील क्षेत्र में 55 लेखपाल कार्यरत है । जिसमें  आठ लेखपाल कर्मी  हैं, जिनकी पडरौना तहसील में सेवाकाल व कार्यावधि दस साल से ऊपर हो चुकी है। ये लेखपाल, संघ से संबंधित  भी है। जिससे तहसील अधिकारियों के प्रशासनिक कार्यों को  प्रभावित कर रहे है  । आये दिन ये तहसील कर्मी अधिकारियों शासन के अनरूप कार्य करने में अक्षमता जाहिर करते हैं । वही अधिकारियों के सख्त होने पर वे कुछ न कुछ साजिश करते नजर आते हैं। जिससे तहसील प्रशासन प्रभावित रहता है। 
प्रदेश शासन इस विषय वस्तु पर ध्यान देकर इनका स्थानांतरण अन्यत्र तहसील क्षेत्र में करने की मांग जनता में उठने लगी है। उधर लेखपाल यही  चाहते हैं कि हम जो कहे उसको तहसील प्रशासन माने। ऐसे कई बार तहसील प्रशासन को इन मनमानी तहसील कर्मीयो के चलते झेलना पड़ा है।शासन की नीतियों को नहीं मानना चाहते। अगर अधिकारी प्रशासन के नीतियों को  लागू करने में कड़ा रुख अख्तियार करता है तो नेतागिरी शुरू कर देते हैं। 
यहाँ तक कि कुछ नेता भी इनका सहारा लेकर जिला प्रशासन से मिलकर तहसील प्रशासन की शिकायत किया था। इसमें जिलाधिकारी ने इन नेताओं के मनमानी शिकायत पर ध्यान न देकर शासन की नीतियों को ध्यान दिया। 
बताया गया है कि पडरौना तहसील में जिन आठ कर्मियों कार्यावधि अधिकतम किसी लेखपाल की 28 वर्ष पूरी हो चुकी है। इन आठ लेखपालों की कार्यावधि के बारे में मालूम हुआ कि ये लेखपाल जब एक वर्ष या उससे अधिक होता है,  व जिला प्रशासन के शासन के निर्देशों के चलते अपना स्थानांतरण दो से चार महिनों के लिए बगल के तहसील में जिला प्रशासन कर देता है या करा लेते हैं।  समय बीतने के बाद ये लेखपाल पुनः पडरौना तहसील में करा लेते हैं। और अपनी राजनीति करते हैं। इन लेखपालों के कार्यों को देखा जाय तो ये हमेशा विवादित रहे हैं और निलंबन भी हुआ है। इन तहसील में कार्यरत लेखपालों की कार्यावधि का जांच किया जाय तो सारी कमियाँ ही मालूम हो जायेगी। कारण कि कोई अधिकारी इनके कार्यावधि को नहीं देखा है। जिला प्रशासन भी इस ध्यान नही दे रहा है। जिससे इन लेखपालों का स्वभाव तहसील प्रशासन के खिलाफ रह रहा है। जो प्रशासन के लिए उपयुक्त नहीं होगा।