मंगलवार, 16 जुलाई 2024

लखनऊ :ऑनलाइन हाजिरी न लगाने से महिला शिक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि पत्र जारी।।||Lucknow: Adverse entry letter issued to female teachers for not marking online attendance.||

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लखनऊ :
ऑनलाइन हाजिरी न लगाने से महिला शिक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि पत्र जारी।।
◆ 13 जुलाई सुबह साढ़े 8 बजे शिक्षा अधिकारी अपनी निजी मीडिया टीम के साथ पहुंचे थे विद्यालय।
दो टूक : लखनऊ मोहनलाल गंज ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय गौरा 2 पर बीते शनिवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश ने विद्यालय पहुंचते ही प्रश्नों की झड़ी लगा दी,एक प्रश्न के जबाव से पहले दूसरा प्रश्न दाग दिया गया। पूछा गया ऑन लाइन हाजिरी लगाई। प्रधानाध्यापक के मना करने पर कहा तुम्हारी नौकरी खा जाऊंगा जिससे महिला प्रधानाचार्य सदमे में आ गई।
पास में खड़े खंड शिक्षा अधिकारी से कहा इनको प्रेम पत्र जारी करो।
शिक्षिकाएं अपने ही शिक्षा अधिकारी के ऐसे व्यवहार से आहत।।
वहीं विद्यालय में मौजूद सभी शिक्षिकाओं का कहना था कि बेसिक शिक्षा अधिकारी हमारे अभिभावक की तरह हैं उनके द्वारा महिला शिक्षकों से ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं थी। क्या हम लोग इस उम्र में प्रेम पत्र लेने आते हैं और यह बात उन बच्चों के सामने कही जिनको वह शिक्षित करती हैं।
विस्तार:
मिली जानकारी के मुताबिक सहायक अध्यापिका सुजाता वर्मा 11 जुलाई से 13 जुलाई तक आकस्मिक अवकाश पर थीं। छुट्टी एप्रूव थी लेकिन इस पर भी प्रधानाध्यापक को दबाव बनाने का प्रयास किया गया। जिससे उनकी तबियत बिगड़ गई। और छुट्टी पर गई सुजाता वर्मा को भी प्रतिकूल प्रविष्टि का लेटर जारी कर दिया गया।
बच्चों से बात तक नहीं की कर लिया आंकलन।।
शिक्षिकाओं का कहना था कि बेसिक शिक्षा अधिकारी ने किसी भी क्लास के बच्चों से बात नहीं की फिर उनका 10 मिनट में बच्चों के स्तर खराब का आंकलन कैसे कर लिया।
 बेसिक शिक्षा अधिकारी और उनकी टीम की जल्दबाजी इसी से पता चलता है कि प्राथमिक विद्यालय में कोई पुरुष शिक्षक नहीं है। फिर भी सहायक अध्यापिका गिरजेश पाल और सहायक अध्यापिका मनू सिंह राठौर को श्री संबोधित कर लेटर जारी किया गया है।
◆निरीक्षण 13 जुलाई को लेटर में लिखा 12 जुलाई - 
बेसिक शिक्षा अधिकारी की मानसिकता और शिक्षकों को गलत तरीके से प्रताड़ित करने का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा कि13 जुलाई को विद्यालय गए और अपने लेटर में 12 जुलाई को विद्यालय जाने की बात उल्लिखित की है।
जब विद्यालय के आस-पास रहने वाले लोगों से जानकारी की गई तो पता चला कि यह विद्यालय समय पर खुलता और बंद होता है और किसी भी अभिभावक को शिक्षिकाओं से कोई शिकायत नहीं हुई। फिर भी अंग्रेजी हुकूमत दिखाई।