लखनऊ :
विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से किया मुलाकात,सौंपा मांगपत्र ।।
◆ बेसिक जूनियर और माध्यमिक मान्यता की शर्तें पूर्ववत की जाए ।
।।जितेन्द्र बहादुर सिंह ।।
दो टूक : स्ववित्त पोषित विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने प्रतिनिधि मंडल के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात कर प्रदेश भर में संचालित विद्यालयों की समस्याओं से अवगत कराया।
विस्तार :
स्ववित्त पोषित विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने बताया कि स्ववित्तपोषित विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बेसिक, जूनियर एवं माध्यमिक विद्यालय संचालित करने वाले प्रबंधकों का प्रदेश स्तरीय संगठन है, जिसके पूरे प्रदेश के असंख्य विद्यालय सदस्य हैं। उत्तर प्रदेश बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों में अत्यंत पिछड़े, गरीब किसान, मजदूर तथा वंचित समाज के विद्यार्थी अत्यधिक कम शुल्क में शिक्षा ग्रहण करते हैं, जो बड़े-बड़े विद्यालयों में बड़ी-बड़ी फीस देकर पढ़ने में असमर्थ होते हैं। वास्तविक रूप में देखा जाए तो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालय उत्तर प्रदेश के प्राथमिक तथा माध्यमिक शिक्षा के मुख्य स्तंभ हैं। परंतु दुर्भाग्यवश विगत कुछ वर्षों से उत्तर प्रदेश बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों के संचालन में प्रबंधकों को अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यत: 18 नगर निगम के शहरी क्षेत्र में स्थापित विद्यालयों के संचालन में कठिनाइयां आ रही हैं जिनकी तरफ आपका ध्यान आकर्षित करना हमारे संगठन का कर्तव्य है।
अनन्द
स्ववित्त पोषित विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन ने आरटीई शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रवेश लिए जाने वाले छात्र-छात्राओं की शुल्क प्रतिपूर्ति उत्तराखंड एवं अन्य राज्यों की भांति उत्तर प्रदेश में भी किए जाने की मांग की अपनी मांगों को आगे बढाते हुए
नगर निगम के अंतर्गत, विशेष कर लखनऊ निगम परिछेत्र में आने वाले विद्यालयों से जलकर, भवन के एसेसमेंट का 12.5 प्रतिशत की दर से वसूला जाने से अवगत कराया और मांग किया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों से अधिकतम ₹10000 वार्षिक कि दर से निर्धारित किया जाए इसी प्रकार मान्यता संबंधी पूर्ववर्ती नियमों को पुनः लागू करने अथवा नए नियमों में भूमि के मानको में शिथिलता प्रदान करने की मांग की। और इसी प्रकार मान्यता संबंधी पूर्ववर्ती नियमों को पुनः लागू करने अथवा नए नियमों में भूमि के मानको में शिथिलता प्रदान करने की मांग की। और नवीन मान्यता हेतु मानचित्र स्वीकृत करने के नियमों में शिथिलता प्रदान करने का निवेदन किया जिस पर माननीय मुख्यमंत्री ने सकारात्मक निर्णय लेने की बात की। रत्नेश मंडल में आलोक पाण्डेय ,रितेश श्रीवास्तव लक्ष्मीकांत तिवारी और राहुल सेन सक्सेना उपस्थित रहे।