लखनऊ :
सरकारी कर्मचारियों के लिए निराशाजनक बजट : शैलेंद्र दूबे,
दो टूक : शैलेंद्र दुबे बोले कि ऊर्जा क्षेत्र के ट्रांसमिशन और राज्यों की वितरण कंपनियों के लिए बजट में कुछ भी नहीं।
विस्तार:
आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नौकरी पेशा कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए बेहद निराशाजनक बजट है । उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र खासकर ट्रांसमिशन सेक्टर और राज्यों की विद्युत वितरण कंपनियों के लिए बजट में कुछ भी नहीं है । बजट में सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली, 8वें वेतन आयोग समेत करोना काल में जब्त किए गए 18 महीनों के मंहगाई भत्ते, केन्द्र सरकार में रिक्त पड़े लाखों पदों को भरने और आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने व 50 प्रतिशत महंगाई भत्ते को मूल वेतन में जोड़ने की बात होगी किन्तु बजट में इन बातों का कहीं कोई उल्लेख नही हुआ जिससे सरकारी कर्मचारियों को बेहद निराशा हुई । आयकर की पुरानी व्यवस्था में कोई राहत नहीं दी गई है और पुरानी व्यवस्था के मानक कटौती को भी नहीं बढ़ाया गया है, जबकि नई आयकर की नई व्यवस्था में मात्र 17500 रु प्रति वर्ष का दिया गया लाभ अत्यधिक बहुत ही कम है । ऊर्जा क्षेत्र के लिए भी बजट में कुछ उत्साहवर्धक नहीं है । सरकारी नीतियों के कारण सबको समुचित और सस्ती बिजली देने हेतु राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों को घाटे से उबारने व ट्रांसमिशन सेक्टर को सुदृढ़ बनाने की कोई योजना भी बजट में नहीं है । बजट में सस्ती बिजली देने वाले राज्यों की बिजली उत्पादन कंपनियों के लिए भी कुछ नहीं है । उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर सरकारी कर्मचारियों को बजट से निराशा ही हाथ लगी है ।