लखनऊ :
दो टूक मीडिया पर जानें आज का पञ्चाङ् और शुभमुहूर्त।।
।।डी एस चौबे (शास्त्री)।।
◆दिनांक -10 जुलाई 2024
◆दिन - बुधवार
◆विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)
◆शक संवत -1946
◆अयन - दक्षिणायन◆
◆ऋतु -सायन वर्षा ॠतु
◆मास - आषाढ
◆पक्ष - शुक्ल
◆ तिथि - चतुर्थी प्रातः 07:51 तक तत्पश्चात पंचमी
◆नक्षत्र - मघा दिन 10:15 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
◆योग - व्यतीपात 11 जुलाई रात्रि 03:10 तक तत्पश्चात वरीयान।
◆ राहुकाल - मध्याह्न 12:12 से अपराह्न 13:55 तक
🌞 सूर्योदय-05:20
🌚 सूर्यास्त-19:03
❌ दिशाशूल - उत्तर दिशा मे
व्रत पर्व विवरण-
■ विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
■ नोट - सावधानी--फूलों को पैरो तले नहीं आने देना चाहिए, अन्यथा लक्ष्मीजी नाराज़ हो जाती हैं।
■ वास्तु शास्त्र
अभी गुप्त नवरात्र का पर्व चल रहा है। इस दौरान देवी की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व माना जाता है। वास्तु में ऐसी कई वस्तुएं बताई गई हैं, जिनका खास संबंध किसी विशेष देवी-देवता या दिन से माना जाता है। वास्तु के अनुसार, देवी से संबंधित ये 5 चीजें नवरात्रि के दौरान घर में लाई जाएं तो देवी प्रसन्न होती हैं और घर-परिवार पर देवी की विशेष कृपा बनी रहती है।
➡ पाना चाहते हैं देवी की विशेष कृपा तो नवरात्रि के दौरान घर में रखें ये 5 चीजें
■ कमल का फूल या तस्वीर
कमल का फूल देवी लक्ष्मी को विशेष रुप से प्रिय है।नवरात्रि के दौरान यदि घर में कमल का फूल या उससे संबंधी कोई तस्वीर लगाई जाए तो देवी लक्ष्मी की कृपा घर-परिवार पर हमेशा बनी रहती है।
■ चाँदी या सोने का सिक्का।
नवरात्रि के दौरान घर में चाँदी या सोने का सिक्का लाना अच्छा माना जाता है। सिक्के पर यदि देवी लक्ष्मी या भगवान गणेशजी का श्रीचित्र अंकित हो तो और शुभ होगा।
■ देवी लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर।
घर में हमेशा धन-धान्य बनाए रखना चाहते हैं तो नवरात्रि के दौरान देवी लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर घर में लाएँ जिसमें कमल के फूल पर माता लक्ष्मी बैठी दिखाई दे रही हो, साथ ही उनके हाथों से धन की वर्षा हो रही हो।
■ मोर पंख--
देवी के सरस्वती स्वरूप में देवी का वाहन मोर माना जाता है, इसलिए नवरात्रि के दौरान घर में मोर पंख ला कर उसे मंदिर में स्थापित करने से कई फायदे होते हैं।
■ सोलह श्रृंगार का सामान नवरात्रि के दौरान सोलह- श्रृंगार का सामान घर लाना चाहिए और उसे घर के मंदिर में स्थापित कर देना चाहिए। ऐसा करने से देवी माँ की कृपा हमेशा घर पर बनी रहती है।
■दुर्गति से रक्षा हेतु।
मरणासन्न व्यक्ति के सिरहाने गीताजी रखें | दाह – संस्कार के समय ग्रन्थ को गंगाजी में बहा दें, जलायें नहीं।
🔥 मृतक के अग्नि – संस्कार की शुरुआत तुलसी की लकड़ियों से करें अथवा उसके शरीर पर थोड़ी – सी तुलसी की लकडियाँ बिछा दें, इससे दुर्गति से रक्षा होती है ।