लखनऊ:
लाइट हाउस प्रोजेक्ट लाभार्थियों ने सूडा ऑफिस पर किया प्रदर्शन,सौपा ज्ञापन।
दो टूक : राजधानी लखनऊ में बने लाइट हाउस प्रोजेक्ट का लोकार्पण प्रधानमंत्री मोदी ने विगत 10 मार्च 2024 को जनपद आजमगढ़ से कर दिया था इसके साथ ही उन्होंने इस बात की भी घोषणा की थी कि 10 दिनों के अंदर सभी लाभार्थियों को उनके आवास की चाभी दे दी जाएगी।
इतना ही नहीं दिनांक 10 मार्च 2024 को लाइट हाउस प्रोजेक्ट के प्रांगण में बाकायदा कार्यक्रम किया गया।
जिसमें कुछ लोगों को सूडा के निदेशक अनिल कुमार पाठक द्वारा डमी चाभी भी दी गई और समाचार पत्रों में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा गया कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लाभार्थियों को मिली आवास की चाभी, लाभार्थियों में खुशी की लहर।
लेकिन हुआ ठीक उसका उल्टा 10 मार्च 2024 के बाद ना ही किसी लाभार्थी को चाभी मिली और ना ही किसी प्रकार की कोई सूचना।
पिछले 5 महीनों से लगातार लाभार्थी अपने आवास की चाभी के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं, कभी इस ऑफिस कभी उस ऑफिस दौड़ते रहते हैं और संबंधित अधिकारी केवल आश्वासन देते रहते हैं, थकहार कर सभी लाभार्थियों ने आज दिनांक 15 जुलाई 2024 दिन सोमवार को सूडा ऑफिस के मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया।
हालांकि इस प्रदर्शन के बाद संबंधित अधिकारी ने सभी लाभार्थियों की बात को सुना लाभार्थियों ने अपनी पीड़ा सहायक निदेशक को बताया,लाभार्थियों ने बताया कि हम सभी लोग गरीब व्यक्ति हैं, एक तरफ बैंक का लोन भी दे रहे हैं,दूसरी तरफ मकान का किराया इसके साथ वर्तमान समय में सबसे बड़ी जो समस्या है। वह बच्चों की शिक्षा,क्योंकि चाभी के मिलने का कोई निश्चित समय अभी तक नहीं मिल सका है।
इस वजह से बहुत से लाभार्थी अपने बच्चों के एडमिशन को लेकर के असमंजस में है।
इन सभी बातों को सुनने के बाद सहायक निदेशक ने सभी लोगों को आश्वासन दिया कि आप लोगों को जल्द ही चाबी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक लाइट हाउस प्रोजेक्ट के फायर की एनओसी की वजह से आप लोगों को चाबी नहीं दी गई, कुछ टेक्निकल दिक्कत थी जो अब दूर हो गई है। फायर विभाग की तरफ से फायर की एनओसी मिल चुकी है,जिसका प्रमाण पत्र जल्द ही संबंधित विभाग को मिल जाएगा।
इसके बाद चाभी वितरण किया जाएगा, हालांकि उन्होंने सभी को आश्वासन दिया कि 15 अगस्त तक हर हाल में चाबी मिल जाएगी।
अब देखने वाली बात यह होगी कि जिस तरह से 10 मार्च 2024 से लेकर आज तक लगभग 5 महीने पूरे हो चुके हैं,आश्वासन ही मिलता रहा है,वैसे ही आगे आश्वासन मिलता है या लाभार्थियों के उनके सपनों के आशियाने की चाबी मिलती है।