लखनऊ :
जनसंख्या नियंत्रण की मांग को लेकर सामाजिक संगठनों ने दिया राष्ट्र जागरण धरना।
◆ईको गार्डन में धरना देकर की कानून बनाने की मांग।।
दो टूक : राजधानी लखनऊ के आलमबाग के गीतापल्ली स्थित धरना स्थल ईको गार्डन में गुरुवार भारत रक्षा दल ट्रस्ट के नेतृत्व में दर्जनों सामाजिक संगठनों ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग को लेकर एक दिवसीय राष्ट्र जागरण धरना दिया । इस मौके पर लखनऊ की राष्ट्रवादी संस्थाओं ने विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या नियंत्रण कानून "हम दो, हमारे दो और हम सबके दो" के सख्त कानून की मांग की । धरने में भारत रक्षा दल समेत अखिल भारतीय ब्रम्ह समाज, सनातन धर्म सभा,सनातन महासभा, सनातन संस्कार मंच, भारतीय गोरखा समाज, राष्ट्रीय हिंदू संगठन , वन्देमातरम राष्ट्रीय मंच, पनून कश्मीर, भारतीय गोरखा परिसंघ लखनऊ शाखा व उत्तर प्रदेश सनातन गोरखा कल्याण समिति जैसे अन्य सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री को प्रेषित ज्ञापन के माध्यम देश के समृद्धि एवम विकास के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून "हम दो हमारे दो एवम हम सबके दो" के कानून की मांग की । धरने का नेतृत्व कर रहे भारत रक्षा दल ट्रस्ट के संस्थापक श्रीनिवास राष्ट्रवादी ने कहा कि उनका संगठन बिगत कई वर्षों से विभिन्न माध्यमों से सरकार व देशवासियों का ध्यान बढ़ती आबादी और उससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं व कारणों को निकट भविष्य में इसके वीभत्स्य रूप की ओर आकर्षित करने की कोशिश करता आ रहा है । उन्होंने कहा कि स्वत्रता दिवस के मौके पर 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताते हुए छोटा परिवार सुखी परिवार का जिक्र किया था, जिससे कुछ आशा जगी थी कि शायद जनसंख्या नियंत्रण पर कोई कानून बन जाए लेकिन देश का दुर्भाग्य है कि इस मुद्दे पर न तो कोई कानून ही बना और न ही प्रधानमंत्री के छोटे परिवार की बात को लोग आत्मसात कर पाए । जिसका परिणाम है भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा आबादी वाला देश बन गया है । इस मौके पर अखिल भारतीय ब्रम्ह समाज के महामंत्री देवेंद्र शुक्ला ने कहा कि यदि जल्द ही जनसंख्या नियंत्रण कानून नही बना और घुसपैठियों को देश से बाहर नहीं किया गया तो निकट भविष्य में राजनैतिक परिवर्तन की स्थिति में देश को गृह युद्ध की विभीषिका का सामना करना पड़ सकता है । वहीं इस मौके पर धरने में शामिल सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किए ।