शनिवार, 20 जुलाई 2024

लखनऊ :तेजरफ्तार डम्फर झोपड़ी मे घुसा, गर्भवती महिला समेत चार की दर्दनाक मौत।||Lucknow:A speeding dumper rams into a hut, four people including a pregnant woman die a painful death.||

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लखनऊ :
तेजरफ्तार डम्फर झोपड़ी मे घुसा, गर्भवती महिला समेत चार की दर्दनाक मौत।।
◆मोरंग के नीचे दबकर खत्म हो गया परिवार।।
दो टूक : राजधानी लखनऊ के आयोध्या मार्ग पर बीबीडी यूनिवर्सिटी के सामने शुक्रवार देर रात करीब 11:30 बजे एक मौरंग लदा बेकाबू डम्फर सड़क किनारे बनी झोपड़ी को रौंदते हुए उस पर पलट गया। हादसे में झोपड़ी में सो रहे पति-पत्नी और उनके दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। हादसे के बाद मौके पर भीड़ जुट गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की पुलिस ने ट्रक चालक और क्लीनर को हिरासत में ले लिया है और अग्रेतर विधिक कार्यवाही कर रही है।
विस्तार:
मूल रूप से बाराबंकी जनपद के जैतपुर निवासी उमेश (34) अपनी पत्नी नीलम (32) और तीन बच्चे गोलू (04), वैष्णवी (07) और सनी (13) के साथ पिछले कुछ महीनों से बीबीडी यूनिवर्सिटी के सामने सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर रहता था और उमेश पत्थरों की नेम प्लेट बनाने का कार्य करता था रोजाना की तरह शुक्रवार की रात को भी खाना खाने के बाद परिवार झोपड़ी में सो रहा था अचानक आधी रात को मौरंग लदे एक बेकाबू डंफर झोपड़ी को रौंदते हुए पलट गया। झोपड़ी के अंदर  सो रहे उमेश, उसकी पत्नी नीलम और दो बच्चे गोलू व सनी की मौके पर ही मौत हो गई एक सात वर्ष की बच्ची बच गई घटना के बाद आस-पास के लोगों की चीख-पुकार पर मौके पर भीड़ जुट गई। हादसे की जानकारी पाकर पुलिस भी पहुंच गई पुलिस ने ट्रक चालक व क्लीनर को हिरासत में ले लिया।
हादसे में जहां एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई वहीं उमेश की बेटी वैष्णवी बाल-बाल बच गई हादसे का दौरान वह भी झोपड़ी के अंदर ही थी।
 उमेश के बड़े भाई अमर सिंह ने बताया कि छोटा भाई अपने परिवार सहित बीबीडी यूनिवर्सिटी के सामने सड़क पर झोपड़ी डालकर रहता था परिवार मूल रूप से बाराबंकी का था भाई पत्थर पर नेम प्लेट बनाने का कार्य करता था उमेश की पत्नी नीलम 9 महीने की गर्भवती भी थी हादसे में 4 की मौत हुई है परिवार में केवल एक बच्ची बची है। झोपड़ी में सो रहे उमेश (35), नीलम देवी (32) और उनके 2 बच्चे गोलू (4) और सनी (13) की मौत हो गई। यह लोग बाराबंकी के जैतपुर के रहने वाले थे।
मौरंग के नीचे दब कर खत्म हो गया परिवार
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि देर रात तेज आवाज सुनकर लोग दौड़े बाहर आए तो देखे झोपड़ी पर मौरंग लदा डंपर पलटा था। सभी उसके नीचे दबे थे। पुलिस ने आसपास के लोगों की मदद से किसी तरह मौरंग और डंपर के नीचे दबे लोगों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक सभी की मौत हो चुकी थी। मृतक उमेश पिछले 12 महीने से यहां पर टाइल्स, मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करता था।
परिवार में सिर्फ एक बेटी ही बची।
डंपर पलटने की आवाज इतनी तेज थी कि पूरा इलाका गूंज गया। परिवार की चीख दब गई। जब तक लोग पहुंचे तब तक सब खत्म हो चुका था। डंपर नंबर यूपी 43 बीटी 1829 के ड्राइवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। परिवार में सिर्फ एक बेटी वैष्णवी ही बची है। पुलिस ने बताया, डंपर का ड्राइवर भी दुर्घटना में घायल हुआ है। लोगों के आक्रोश से बचने के लिए छिप गया। पुलिस फोर्स के आने के बाद वह सामने आया। उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ड्राइवर पंकज गोंडा के कर्नलगंज के ओझापुरवा का रहने वाला है।
◆बीबीडी थाने के इंस्पेक्टर अजय नारायण सिंह ने बताया कि देर रात बेकाबू डंपर सड़क किनारे बनी झोपड़ी पर पलट गया। झोपड़ी में सो रहे उमेश (35), नीलम देवी (32) और उनके 2 बच्चे गोलू (4) और सनी (13) की मौत हो गई। यह लोग बाराबंकी के जैतपुर के रहने वाले थे।