लखनऊ :
सोमवार से सावन प्रारंभ,पडेगा पांच सोमवार,भक्तों में उत्साह।।
भगवान भोलेनाथ की करें पुजा-पाठ होगी बरकत।।
डी एस शास्त्री
एम ए -(संस्कृत,सामाज शास्त्र,), जर्नलिज्म डिप्लोमा
दो टूक :सनातन धर्म में सावन सोमवार की बहुत ही विशेष मान्यता है कल से सावन सोमवार की शुरुआत हो रही है सावन माह मे भागवान शिव की पूजा आर्चना का काफी महत्व है भक्तगण उत्साह के साथ गंगा नदी से जल लेकर आस पास के प्रसिद्ध प्राचीन धरोहर शिव मन्दिरों मे महादेव का जलाभिषेक करते है। इस महीने में पड़ने वाले सावन सोमवार व्रत 2024 लिस्ट।
●पहला सावन सोमवार- 22 जुलाई 2024
◆दूसरा सावन सोमवार- 29 जुलाई
●तीसरा सावन सोमवार- 05 अगस्त
चौथा सावन सोमवार- 12 अगस्त
◆पांचवां सावन सोमवार- 19 अगस्त ।।
व्रत रहने की विधि :
सावन सोमवार व्रत की शुरुआत भगवान शिव के परिवार की विधि विधान पूजा करने से करें। शिवलिंग पर बेलपत्र जरूर चढ़ाएं। इसके बाद बिना अन्न खाएं उपवास रखें। शाम को सावन सोमवार के व्रत की कथा सुने और बाद में मीठे भोजन का सेवन करें। वहीं अगले दिन सुबह भगवान शिव जी की पूजा करें और दान आदि देकर व्रत का पारण कर लें। बता दें कि इस व्रत में नमक का सेवन नहीं करना है।
विस्तार :
बताते चले कि 22 जुलाई से 19 अगस्त तक सावन का महीना रहेगा। जिसमे में पांच सावन सोमवार रहेंगे। इस व्रत में भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करने से मन मांक्षित फल मिलता है। इसके साथ ही सावन सोमवार व्रत की कथा सुनना या पढ़ना भी अनिवार्य माना जाता है। इस व्रत में अन्न का सेवन नहीं किया जाता है लेकिन लोग फलाहार कर सकते हैं।
पुजा शुरू करने पहले शिव-पार्वती प्रतिमा होना आवश्यक है। इसके साथ भगवान को चढ़ाने के लिए फूल, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, भांग, बेर, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना या चांदी, पंच रस, इत्र, गंध रोली, बिल्वपत्र, धतूरा, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, शुद्ध देशी घी, मौली जनेऊ, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, पंच मिष्ठान्न, शहद, गंगाजल, पवित्र जल, भगवान के श्रृंगार सामग्री जरूरी होनी चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार सावन सोमवार व्रत रखने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। भगवान शिव को भोले नाम से भी जाना जाता है तो भगवान को प्रसन्न करने के लिए भक्तों का थोड़ा सा भी काम बेहतर फल देने वाला होता है। यह व्रत हर तरह की समस्याओं से मुक्ति दिलाता है। कहा जाता हैं सावन में भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न रहते हैं और ऐसे में जो भक्त सच्चे मन से व्रत और पूजा-अर्चना करता है उसकी सारी मनोकामनाऐं पूरी होती है।