मंगलवार, 30 जुलाई 2024

सुल्तानपुर :साहित्यिक मार्तण्ड डॉ प्रदीप ने किया जिले का नाम रोशन।||Sultanpur: Literary Martand Dr. Pradeep brought glory to the district.||

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सुल्तानपुर :
साहित्यिक मार्तण्ड डॉ प्रदीप ने किया जिले का नाम रोशन।
अवधी साहित्य भूषण सम्मान से नवाजे गये डॉ आद्या प्रसाद‌ सिंह प्रदीप।
दो टूक : सुलतानपुर जनपद के लोक भूषण डॉ आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप ने साहित्य के क्षेत्र में जनपद को ऊँचाई प्रदान किया है। साहित्यिक योगदान में सुलतानपुर का अपना महत्वपूर्ण स्थान रहा है। यहाँ तक फिल्म इंडिया भी अछूती नहीं रही है। उसी परिपाटी को प्रदीप जैसे साहित्यिक बिद्वानों ने बरकरार रखा है। 80 बर्ष के हो चुके डॉ प्रदीप रानेपुर पलिया गोलपुर सुलतानपुर के निवासी है। रोज सुबह 3 बजे उठना, हल्का फुल्का प्राणायाम करना और सुबह 9 बजे भोजन के बाद आधे घंटे  विश्राम फिर अनवरत 10 घंटे लेखनी चलाना उन‌की दिनचर्या है। अब तक डॉ प्रदीप ने 200 पुस्तकें लिख डाला है जिसमें 47 पुस्तकें प्रकाशित हैं बाकी प्रकाशनाधीन हैं। इन्हें उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान से लोक भूषण तो इंग्लैंड से मैन आफ द ईयर उपाधि मिली है। नेपाल,मारीशस सहित देश विदेश की 110 संस्थाओं से सम्मान्नित हुए हो चुके हैं।
       साहित्यिक संस्था श्री सिंहराय अवधी साहित्य विकास संस्थान का वार्षिकोत्सव प्रताप ढाबा हलियापुर सुलतानपुर में सम्पन्न हुआ। जिसकी अध्यक्षता इन्द्र बहादुर सिंह इन्द्रेश भदौरिया ने किया। मुख्य अतिथि डॉ राम बहादुर मिसिर लखनऊ रहे। संचालन अर‌विंद पाण्डेय अयोध्या ने किया। संस्था के अध्यक्ष कुंवर इन्द्रजीत सिंह अर्चक द्वारा लिखित पुस्तक काव्य कल्लोलिनी का लोकार्पण और उत्कृष्ट साहित्य सृजकों डॉ आद्या प्रसाद प्रदीप को अवधी साहित्य भूषण, ज्ञानेंद्र पाण्डेय मधुरस को अवधी साहित्य रत्न, जनार्दन प्रसाद द्विवेदी को अवधी साहित्य सौरभ, सुशील चन्द्र पाण्डेय को अवधी साहित्य गौरव और अजय प्रधान को अवधी साहित्य सुमन सम्मान और अंगवस्त्र, मोमेंटो पुष्पहार से अलंकृत किया गया। डॉ राज बहादुर राना की वाणी वंदना- हमरे सन्मुख हंस उतारा कसे सितारा जननी- की शुरुआत से कार्यक्रम में पधारे विद्वान कवियों ने विभिन्न विषयों पर काव्यपाठ कर दीर्घा को मंत्र मुग्ध कर दिया।
        इस उपलब्धि पर डॉ राम प्यारे प्रजापति, दिनेश प्रताप चित्रेश, आशुकवि मथुरा प्रमाद सिंह जटायु, पवन सिंह, सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्दु, बृजेश वर्मा, रमेश चन्द्र नंदवंशी, अनिल कुमार वर्मा मधुर, सर्वेश कान्त वर्मा सरल और क्षेत्र विद्वान मनीषियों ने बधाई और शुभकामनाएं ज्ञापित किया।