बुधवार, 31 जुलाई 2024

सुल्तानपुर : वंचितों की पीड़ा का चित्र उकेरते थे मुंशी प्रेमचंद :सर्वेश कांत वर्मा।||Sultanpur : Munshi Premchand used to depict the suffering of the deprived : Sarvesh Kant Verma.||

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सुल्तानपुर : 
वंचितों की पीड़ा का चित्र उकेरते थे मुंशी प्रेमचंद :सर्वेश कांत वर्मा।।
दो टूक : अखिल भारतीय साहित्य परिषद सुलतानपुर के बैनर तले  रामरती इंटर कॉलेज द्वारिकागंज सुलतानपुर में हिंदी कथा के जनक और उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनाई गई कार्यक्रम की अध्यक्षता रामरती इंटर कॉलेज द्वारिकागंज सुलतानपुर के प्रधानाचार्य डॉ रामजीत ने किया।  कविता भारती द्वारा सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम में हिंदी शिक्षक बृजेश कुमार यादव ने मुंशी प्रेमचंद का जीवन वृत्तांत सुनाते हुए उन्हें गरीबों का मसीहा बताया। कवि साहित्यकार एवं पाठ्य पुस्तक लेखक सर्वेश कांत वर्मा सरल ने कहा कि कलाम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद आज हमारे बीच नहीं हैं किंतु उनकी कथाएं और उपन्यासों में उनके शब्द आज भी हमारा मार्गदर्शन करते हैं। स्वयं उनका जीवन अभावों में बीता और वे सदा गरीबों के हिमायती रहे।  मुंशी प्रेमचंद अपने साहित्य में सदैव वंचितों की पीड़ा का चित्र  उकेरते थे। संस्कृत की अध्यापिका डॉ. बबली सिंह ने उनके चर्चित उपन्यास गबन का उल्लेख किया । कार्यक्रम में उपस्थित अन्य मनीषियों ने मुंशी प्रेमचंद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाले। कार्यक्रम में आयुष, राहुल कुमार, नाजरीन, मानसी, भूपेंद्र नाथ वर्मा शशिकांत चौरसिया रामचरन वर्मा आदि उपस्थित रहे।