आजमगढ़ :
पसमांदा दलित मुसलमानों ने 10अगस्त को मनाया अन्याय दिवस।
◆दलित मुसलमानों के आरक्षण पर लगी रोक को हटाने की मांग ।।
।। सिद्धेश्वर पाण्डेय।।
दो टूक : आजमगढ़श जनपद में 10 अगस्त 1950 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा एक विशेष अध्यादेश द्वारा संविधान के अनुच्छेद 341 में संशोधन कर धार्मिक प्रतिबन्ध लगाकर मुस्लिम व ईसाइ दलितों से आरक्षण छीने जाने के विरूध्द राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया । इस दौरान प्रधानमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा ।
ओलमा कौंसिल के प्रदेष अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि आजादी का पहला उद्देश्य की सभी वर्गों की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास के लिए समान अवसर उपलब्ध कराना था। धर्म, जात, वर्ग, नस्ल, लिंग, भाषा के भेदभाव के बिना सभी वर्गों के पिछडेपन को दूर करने और जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए उन्हे आरक्षण की सुविधा दी गई जो सदियों से अन्याय के शिकार रहे। परन्तु जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व वाली स्वतंत्र भारत की पहली कांग्रेस सरकार ने समाज के विभिन्न दलित वर्गों के साथ भेदभाव करते हुए संविधान में आरक्षण से सम्बंधित अनुच्छेद 341 में संशोधन कर धार्मिक प्रतिबन्ध लगा दिया।
यूथ विंग के प्रदेष अध्यक्ष नुरूलहोदा अन्सारी और पार्टी प्रवक्ता एड0 तलहा रशादी ने कहा कि अनुच्छेद 341 में धार्मिक प्रतिबंध लगाए जाने के इस अन्यायपूर्ण भेदभाव के कारण मेहतर, मोची, खाटी, धोबी, नट, लालबेगी, डोम, दफाली, हलालखोर और हेला आदि ऐसी बहुत सारी मुस्लिम व ईसाई जातियां हैं जो हिन्दु दलितों की तरह उनके जैसे पेशे से जुड़ी हुयी हैं लेकिन हिन्दु दलित जातियां सरकारी नौकरियों, राजनीति, शिक्षा व रोजगार आदि में आरक्षण पाती हैं जबकि उसी पेशे वाले मुसलमान व ईसाई जातियों को इस आरक्षण से वंचित रखा गया है। इस भेदभाव के कारण देश का मुसलमान पिछले 70 सालो में इतना पिछड़ गया है कि सच्चर कमेटी समस्त मुसलमानों की सामाजिक, आर्थिक एवं षैक्षिक हालत दलितों से बद्तर लिखती है।
राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल इस अन्याय के विरूध्द पहले दिन से आवाज उठा रही है और इस मांग को लेकर देश भर में आज के दिन आंदोलन कर रही है, पार्टी ने 2014 में जंतर मंतर पर 18 दिन तक भूख हड़ताल व धरना देकर यूपीए सरकार को चेतावनी दी थी। चूंकि आज ही के दिन 10 अगस्त 1950 को पंडित नेहरू ने सांप्रदायिकता पर आधारित इस अध्यादेष को जारी किया था इसलिए आज हम इस धरने के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी की र्वतमान केन्द्रीय सरकार से यह मांग करते हैं कि वह संविधान के अनुच्छेद 341 से धार्मिक प्रतिबंध हटा कर दलित मुसलमानों व ईसाइयों के आरक्षण के संवैधाकि अधिकार को बहाल करके सबका साथ, सबका विकास, सबका विषवास के अपने वादे को पूरा करे। आजकल भाजपा पसमांदा मुसलमानों की बात कर रही है, अगर वो सच में इस तबके के हितैशी हैं तो इस प्रतिबंध को तत्काल हटाकर इस वर्ग को न्याय दें। इस अवसर पर राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल की ओर से प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी को सम्बोधित एक ज्ञापन भी जिला प्रशासन को सौंपा गया।
ज्ञापन देने वालो में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे जिलाध्यक्ष नोमान अहमद महाप्रधान, जिला महासचिव हाजी मोतीउल्लाह, मिसबाह, षेख षहज़ेब, आमिर, नसीम, बिरबल गौतम, पतिराम, अभिषेक, अज़ीम, अबसार, षहबाज़ आदि लोग मौजूद रहे।