लखनऊ :
सदन सत्र में उठा नगर निगम जोन 8 का वित्तीय घोटाले का मुद्दा |
◆अपर नगर आयुक्त एवं जोनल अधिकारी व कर निरीक्षक जाँच के घेरे में ।।
दो टूक : उत्तर प्रदेश विधान सभा सत्र के दौरान बुधवार को नगर निगम व जिला प्रशासन में उस समय खलबली मच गया जब नेता प्रतिपक्ष अनिल कुमार वर्मा ने प्रश्नकाल दौरान नगर निगम लखनऊ जोन आठ में जोनल अधिकारी एवं कर निरीक्षक द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार की जाँच कराये जाने का सवाल खड़ा कर दिया |
विस्तार :
उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने विधान परिषद सदस्य रामचंद्र सिंह प्रधान की 12 जुलाई को शासन के समक्ष पत्र प्रस्तुत कर भ्रष्टाचार में लिप्त कार्मिको की जाँच करा कार्यवाई कराने के मुद्दे को सभापति के सामने रख दिया जिसमे आरोप रहा है जोन-8 के कर विभाग में कार्यरत अधिकारियों द्वारा गृह कर निर्धारण में भारी वित्तीय अनियमितायें बरती जा रही हैं विभिन्न वार्डों में आने वाले भवनों के गृह कर निर्धारण में फेर बदल कर भवन स्वामियों को परेशान किया जाता है। विधायक अनिल कुमार वर्मा ने सदन में कहा कि जोन-8 के जोनल अधिकारी का वैसे तो मूल पद कर अधीक्षक है उन्हे मूल पद से जोन-8 का चार्ज दिये जाने में या तो नियमों की अवहेलना की गयी या फिर नियमों को शिथिल करते हुए अन्य वरिष्ठ कर अधीक्षकों एवं पीसीएस सेवा के अधिकारियों को दरकिनार करते हुए चार्ज दिया गया है। जोन-8 में ही कर निरीक्षक श्रेणी द्वितीय (अकेन्द्रीयित सेवा) के कार्मिक कार्यरत है, जो पूर्व में नगर निगम गोरखपुर में तैनात थे को नियम विरुद्ध तरीके से नगर निगम लखनऊ में स्थानान्तरण दिया गया और जोन 8 में सर्वाधिक वार्ड दिये गये इन अधिकारियों को पशु चिकित्सा सेवा के अपर नगर आयुक्त का संरक्षण प्राप्त है, जो कि स्वयं नगर निगम लखनऊ में 20 से अधिक वर्षों से कार्यरत है | नगर निगम जोन आठ में वित्तीय घोटालो को लेकर कई समाचार पत्रों ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया था मामले में जाँच टीम भी गठित की गई लेकिन आरोप में घिरे दोषी को ही जाँच अधिकारी बना दिया गया था जिससे जाँच निष्पक्ष होने पर सवालिया निशान खड़े हो गए वहीं जब यह मुद्दा सदन में उठा तो नगर निगम में हड़कंप मच गया और अधिकारी पत्रावलियों को दुरुस्त करने में लग गए |