दो टूक, गोण्डा- अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए राजस्व वादो का कराया जाये समयबद्ध निस्तारण, अधिक से अधिक बच्चों का विद्यालयों में किया जाए नामांकन, जिले में खनन माफिया को बिल्कुल भी पनपने न दें अधिकारी, जल जीवन मिशन के तहत पाइप डालने हेतु खोदी गई सड़कों की मरम्मत कराकर पूर्व की तरह बनाया जाय। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को दिया जाए जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ, बाढ़ राहत सामग्री वितरण में बिल्कुल लापरवाही ना हो, डीएम सीडीओ जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकर विकास कार्यों की नियमित रूप से करें समीक्षा, सभी अधिकारी प्रतिदिन जनसुनवाई कर जनता की शिकायतों का करें गुणवत्तापूर्ण निस्तारण। सीएम ने यह निर्देश आज जनपद गोण्डा में मण्डलीय समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को दिए। बैठक में जनपद गोण्डा के अलावा, मण्डल के अन्य जनपदों के वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े और जनपद में कराये गये विकास कार्यों की जानकारी मुख्यमंत्री जी को दी।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने मंडल के सभी जनप्रतिनिधियों से अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में जानकारी ली जिस पर सभी जनप्रतिनिधियों ने अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने डीएम एसपी व अन्य संबंधित अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई समस्या का निस्तारण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए की मंडल के तीन जनपद बलरामपुर, बहराइच व श्रावस्ती आकांक्षात्मक जनपद हैं तथा इसमें संचालित होने वाली सभी योजनाओं को बेहतर तरीके से संचालित किया जाए जिससे कि यह जनपद हर पायदान पर उच्चतम रैंकिंग पर हो।
इसके अलावा उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ अपराध एवं कानून व्यवस्था को लेकर भी समीक्षा की जिसमें उन्होंने सभी एसपी को निर्देश दिए की जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए जनपद में अपराध पर पूर्ण लगाम लगाई जाए। ऐसे अराजक तत्व जिनके द्वारा समाज में भय उत्पन्न करने की संभावना हो उनको चिन्हित कर जेल भेजा जाए। साथ ही में यह भी कहा कि ऐसे पुलिसकर्मी जिनकी छवि पूर्व में खराब रही हो उन्हें थानों में कोई भी महत्वपूर्ण पद न दिया जाए। उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी के संबंध में निर्देश दिए कि बॉर्डर पर लगे सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी नियमित रूप से चेंज की जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने मण्डल में कूड़ा निस्तारण की समस्या को लेकर चिंता जाहिर की जिसमें उन्होंने कहा कि पूरे मंडल में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण रूप से बैन लगाया जाए। सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगने से ही कूड़े की समस्या पर लगाम लगेगी। उन्होंने सभी डीएम को निर्देश दिए कि वह नगर विकास विभाग के साथ रणनीति बनाकर सॉलिड वेस्ट का समुचित निस्तारण करायें व शहर को स्वच्छ रखें। सभी जनपदों के डीएम सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दें। बिजली आपूर्ति को लेकर उन्होंने निर्देश दिए कि गांव में रोस्टर के अनुसार पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध कराई जाए साथ ही खराब ट्रांसफार्मर को समय से बदला जाए। बिजली विभाग के अधिकारी फीडर वाइज नियमित रूप से समीक्षा भी करें।
उद्यमियों को लेकर मुख्यमंत्री ने सभी डीएम व एसपी का निर्देश दिए कि वह नियमित रूप से उद्यमियों व बैंक प्रतिनिधियों के साथ बैठक करें एवं संचालित विभागीय योजनाओं की समीक्षा करें। जल जीवन मिशन के संबंध में उन्होंने कहा कि जल निगम द्वारा जल जीवन मिशन के कार्यों के तहत सड़कों को खोद दिया जाता है जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी होती है। उन्होंने निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन के तहत सड़कों को खोदने के बाद काम पूरा होने पर सड़क की मरम्मत कराकर उन्हें पूर्व की तरह ही बनाया जाए। डीएम जल जीवन मिशन के सभी कार्यों की नियमित रूप से समीक्षा करें। कार्यदायी संस्था व ठेकेदार के द्वारा लापरवाही बरतने पर संस्था के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी डीएम, सीडीओ व एसपी को निर्देश दिए कि वह सभी जनप्रतिनिधियों के साथ माह या दो माह में बैठक करें एवं उसमें जनप्रतिनिधियों के द्वारा उठायी गयी समस्याओं को चिन्हित कर लें। उसके बाद जिले के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई समस्याओं का प्रभावी निस्तारण करायें। इससे जनपद की समस्याओं में कमी आएगी। बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के नामांकन को बढ़ायें, 6 वर्ष से छोटे बच्चों का प्रवेश आंगनवाड़ी केन्द्रों में कराना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक के मुख्यमंत्री ने मंडल में राजस्व से संबंधित मामलों के लम्बित होने पर नाराजगी जताई एवं अधिकारियों का निर्देश दिए की राजस्व से संबंधित वादों का अभियान चलाकर निस्तारण कराया जाए। लम्बित राजस्व वादों के संबंध लेखपाल, कानूनगो, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम आदि की जिम्मेदारी तय करते हुए मिशन मोड पर राजस्व वादो का निस्तारण कराया जाए। किसी भी दशा में राजस्व वादों को निर्धारित समय सीमा के बाद लंबित न रखा जाए।
बाढ़ के संबंध में समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिए कि सितंबर माह तक बाढ़ की संभावना रहेगी इसलिए किसी भी जनपद में बाढ़ को लेकर तैयारी कमजोर ना हो। सभी विभाग अलर्ट मोड में रहे, बाढ़ आने पर कोई भी जन हानि नहीं होनी चाहिए। बाढ़ की सम्भावना होने पर लोगों को सुरक्षित स्थान पर राहत शिविरों में रखने के साथ ही उनके भोजन की भी व्यवस्था सुनिश्चित रखी जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिये है कि बाढ़ से प्रभावित पीड़ितों को राहत सामग्री वितरण में लापरवाही कदापि न बरती जाए। बाढ़ पीड़ितो को पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाए। बाढ़ से खराब हुई फसलों के संबंध में सर्वे कराकर किसानों को उचित मुआवजा दिलाया जाए।
इसके अलावा बैठक में मुख्यमंत्री ने मंडल के सभी जिलाधिकारियों को संचारी रोग नियंत्रण अभियान को प्रभावित ढंग से चलाने, कार्यालय में प्राइवेट व्यक्तियों से काम न लेने, खनन माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने तथा खराब सड़क मार्गों की सूची बनाकर शासन को भेजने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज गोंडा पहुंचकर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के संचालन से संबंधित सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा कराते हुए बेहतर तरीके से कालेज का संचालन सुनिश्चित किया जाए।
इसके पहले मुख्यमंत्री के एक दिवसीय दौरे पर मण्डल मुख्यालय गोण्डा पहुंचने पर जनप्रतिनिधिगण, देवीपाटन मण्डल के आयुक्त शशिभूषण लाल सुशील, पुलिस उपमहानिरीक्षक अमरेन्द्र प्रताप सिंह, जिलाधिकारी नेहा शर्मा, पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल एवं अन्य अधिकारी तथा पार्टी पदाधिकारियो ने अगुवानी कर स्वागत किया। तत्पश्चात कलेक्ट्रेट सभागार पधारकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मण्डलीय विकास कार्यो एवं क़ानून व्यवस्था की समीक्षा की और तदोपरान्त राजकीय मेडिकल कॉलेज गोण्डा का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।