लखनऊ :
भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में गाजर घास,जागरूकता सप्ताह का आयोजन।
◆संपर्क में आने पर मनुष्यों और पशुओं के लिए घातक।।
दो टूक : भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में 16 अगस्त से 22 अगस्त तक "गाजरघास, जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। शुक्रवार किसानों और आम जनता को जागरूक करने के लिए,संस्थान के कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं यंग प्रोफेशनल द्वारा रैली निकाली गई।
संस्थान के निदेशक डॉ आर. विश्वनाथन ने बताया कि गाजर घास फसलों को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाने वाला विदेशी मूल का खरपतवार है, जो उष्णकटिबंधीय और उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में बहुत तेजी से फैलता है। यह गाजरघास के नाम से ज्यादा प्रचलित है, क्योंकि इसकी पत्तियाँ गाजर की पत्तियों के समान दिखती है। इसकी तीव्र एलिलोपेथिक प्रवृत्ति, अधिकाधिक मात्रा में बीज उत्पादन की क्षमता तथा शारीरिक अनुकूलनता इस घास को तीव्र गति से फैलने में मदद करती है।
सर्वप्रथम इस घास को सन् 1956 में महाराष्ट्र के पुणे में देखा गया था, जो बढ़ते बढ़ते आज भारत वर्ष में लगभग 35 मिलियन हेक्टेयर भूमि में फैल चुका है। ज्यादातर यह रोड के किनारे, रेल पटरियों, खाली भूमि, बंजर जमीन, औद्योगिक क्षेत्र, नालियों के किनारे एवं कृषि भूमि में पाया जाता है। संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ वी. पी. सिंह ने बताया की इससे लगातार संपर्क में आने से मनुष्यों में डर्मेशईटी एक्जिमा, एलर्जी, बुखार, दमा आदि जैसी बीमारियों होती है। साथ ही पशुओं के द्वारा इसका प्रयोग करने से पशुओं में अनेक प्रकार के रोग पैदा होते है। साथ ही दूध में कड़वाहट के साथ-साथ दूध के उत्पादन में कमी आने लगती है। गाजरघास का नियंत्रण उनके प्राकृतिक शत्रुओं, मुख्यतः कीटो, रोग के जीवाणुओं एवं वनस्पतियों द्वारा किया जा सकता है। मेक्सिकन बीटल (जाइगोग्रामा बाइकोलोराटा) नामक कीट जो केवल गाजरघास को ही खाने वाला है। गाजरघास से ग्रसित स्थानों पर छोड़ना चाहिये। इस कीट के लार्वा और वयस्क, पत्तियों को खाकर कर गाजरघास को सुखा कर मार देते हैं। इस कीट के लगातार आक्रमण के कारण धीरे-धीरे गाजरधास कम हो जाती है। जिससे वहाँ अन्य वनस्पतियों को उगने का मौका मिल जाता है। यह कीट खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर से प्राप्त किये जा सकते हैं।
गाजरघास की उन्मूलन के लिए भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा कार्मिकों को जागरूक करने के लिए सप्ताह भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।