लखनऊ :
कोलकाता रेप-हत्याकांड एक घटना नही एक मानसिकता है:सुधांशु त्रिवेदी।
दो टूक : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कोलकाता में नृशंस, वीभत्स, सामूहिक दुष्कर्म की घटना से चिकित्सक समुदाय सहित पूरे देश में भारी रोष व्याप्त है। जितनी दर्दनाक और दुखद यह घटना है उससे भी ज्यादा पीड़ादायक पश्चिम बंगाल सरकार और इंडी गठबंधन के नेताओं का आचरण है। कोलकाता में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना को आत्महत्या बताने का प्रयास किया गया। केस को सीबीआई को नही दिया गया। जिस प्रधानाचार्य को हटाया गया उसे चन्द घंटो में ही दूसरे कॉलेज का प्रधानाचार्य नियुक्त कर दिया गया। इससे टीएमसी सरकार की मंशा साफ दिखाई देती है।
श्री सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद प्रदर्शन की आड़ में आसामाजिक तत्वों के द्वारा तोड़-फोड़ और चिकित्सकों के साथ मारपीट तथ्यों और साक्ष्यों को मिटाने का षडयंत्र हो सकता है। यह घटना सिर्फ एक घटना नही है, एक मानसिकता है और यह मानसिकता पश्चिम बंगाल में बहुत पहले से चल रही है। 2012 में संतारगाछी की घटना, 2013 में कमदुनी सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटना, 2014 में बीरभूमि में सामूहिक दुष्कर्म की घटना, 2015 में कंधमाल में सामूहिक दुष्कर्म की घटना, 2015 में पार्क स्ट्रीट में सामूहिक दुष्कर्म की घटना, 2020 में भाजपा समर्थक आदिवासी महिला के साथ दुष्कर्म तथा 2021 में पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद टीएमसी सरकार द्वारा सुनियोजित हिंसा को पूरे देश ने देखा है। 2022 में हंसखाली और इसी वर्ष संदेशखाली में आदिवासी महिलाओं के गंभीर आरोप हैं। हावड़ा की घटना, एक महिला को कोडे़ से पीटे जाने की घटना और उसके बाद वहां के विधायक हमीर्दुरहमान ने महिला को ही चरित्रहीन बता दिया। मजहबी कानून की दुहाई देकर कुकृत्य को सही ठहराने की कोशिश की गई। इस मानसिकता ने अपराधियों के हौसले बुलंद कर दिये। जिस मानसिकता से बुलंद हौसलों ने कोलकता की दुःखद घटना के बाद तोड़-फोड़ करके साक्ष्यों को नष्ट करने का षडयंत्र रचा।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी द्वारा पोषित मानसिकता उत्तर प्रदेश में सपा तथा इंडी गठबंधन के द्वारा भी दिख रही है। अयोध्या में नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद पीड़ित को धमकाकर साक्ष्यों को झुठलाने व मिटाने का प्रयास किया गया और यही मानसिकता कन्नौज में देखने को मिल रही है। इस घटना पर सपा की नेत्री का बयान कि 15 साल की बच्ची शाम को कौनसी नौकरी पाने के लिए वहां गई थी। यह बयान शर्मनाक भी है और आपत्तिजनक भी है। सपा के लोगों द्वारा दुष्कर्म किए जाने की पुष्टि के बाद जैसा आचरण पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का है वैसा ही आचरण उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का है। कन्नौज से लेकर कोलकाता तक महिलाओं के प्रति घृणा और विद्वेष के साथ अपराधियों को संरक्षण देने की खतरनाक मानसिकता दिखाई दे रही है।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश से ही श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा दिया था। आज उत्तर प्रदेश की धरती से ही श्रीमती प्रियंका गांधी से पूंछना चाहता हूं कि अयोध्या, कन्नौज से लेकर कोलकाता तक लड़कियों के साथ जो हो रहा है, इन घटनाओं पर उनके मुंह में दही क्यों जमा हुआ है। इसके साथ ही सोनिया गांधी जी तथा राहुल गांधी जी से भी पूंछना चाहता हूं कि उनकी मुहब्बत की दुकान में क्या सिर्फ अपराधी, भ्रष्टाचारी और बलात्कारी सामान ही उपलब्ध है। बंगाल में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी को तानाशाह बताते हुए कहा है कि बंगाल में लोकतंत्र नही है और ममता बनर्जी अपराधियों का संरक्षण कर रही हैं। ऐसे में राहुल गांधी जी को बताना चाहिए कि वह कैसे और क्यों तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक शर्मनाक बयान दिया गया था कि लड़को से गलती हो जाती है और जबसे इन दो लड़कों की ताकत थोड़ी बड़ी है तबसे अपराधी तत्वों की हिम्मत और हिमाकत भी बहुत तेजी से बढ़ रही है।
श्री सुधांशु त्रिवेदी ने अखिलेश यादव से प्रश्न करते हुए कहा कि जब सपा के नेता सीधे तौर पर दुष्कर्मों में संलिप्त है तब भी कोई प्रभावी कार्यवाही ना करते हुए कवर फायर देने का प्रयास क्यों किया जा रहा है। अखिलेश यादव के पीडीए का असली चेहरा परिवारवादी, दबंग तथा अपराधी है तथा यही मूल अर्थ भी है। दबंगई तथा अपराधिकरण से परिवारवाद की सत्ता प्राप्त करना ही अखिलेश यादव का उददे्श्य है। इंडी गठबंधन वाले अपराधियों को संरक्षण देने की दुर्दांत मानसिकता के प्रतीक है जो संवैधानिक व्यवस्था के साथ समाज को भी खतरे में डालती है।