लखनऊ :
धर्म छिपा कर युवती से किया विवाह,धर्म परिवर्तन का बनाया दबाव,पहुची थाने।
पीजीआई कैम्प का मामला,रिपोर्ट।
दो टूक : संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत महिला कर्मचारी के बेटे ने धर्म छिपाकर सोशल मीडिया साइट पर फंसाया,दोस्ती के बाद कोर्ट में लड़की से विवाह कर लिया और अस्पताल परिसर स्थित घर ले आया।आरोप है कि नवविवाहिता की सास ने पहले दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उस पर हिन्दू धर्म छोड़कर क्रिश्चियन बनने का दबाव बनाने लगी। विरोध पर उसे मारपीट कर कमरे में बंद कर दिया,कई दिन तक नवविवाहिता बेटी से संपर्क न होने पर पीड़ित परिजन उसके घर पहुंचे तो देखा उसे कमरे में बंधक बनाकर रखा गया है।
पीड़िता ने पीजीआई कोतवाली पुलिस को नामजद तहरीर दी है पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
विस्तार:
अमीषा पिता का नाम राजेन्द्र प्रसाद वार्ड नंबर 10, नेहरू नगर, शौहरतगढ़, सिद्धार्थनगर ने बताया कि, प्रशांत सिंह निवासी ब्वायज हॉस्टल ,टाइप 28. क्वाटर नं0 316 पी० जी०आई० कैम्पस लखनऊ की मुलाकात सोशल मीडिया साइट पर हुई थी। प्रशांत सिंह ने उसे सब्जबाग दिखाए,एक बार भी नहीं बताया कि वह क्रिश्चियन धर्मावलंबी हैं।
उसके पश्चचात अमीषा का विवाह प्रशांत सिंह से कोर्ट में बीती 6 मई 2024 को सम्पन्न हो गया। विवाह के पश्चात 10 मई 2024 को अपने पति प्रशांत सिंह के साथ पी० जी०आई० कैम्पस वाले मकान में गई, वहां पर जाने के पश्चात प्रशांत सिंह की माता सुनीता कुमारी ने बेटे को फंसाकर बरबाद करने का आरोप लगाते हुए बहुत भला बुरा कहा कि तुमने हमारे बेटे को फसाकर मेरा परिवार बर्बाद कर दिया। अपने बेटे की शादी अपनी पसंद से करती तो उसे तुम से अच्छी लड़की मिलती और दहेज में 25 लाख रुपये लेकर आती।
घर में पता चला कि वह हिंदू नहीं हैं -
अमीषा ने बताया कि जब वह प्रशांत के घर पहुंची तो वहां का नजारा देख कर दंग रह गई।
पता चला कि सुनीता कुमारी चिनहट स्थित एक चर्च में पदाधिकारी हैं।
और प्रशांत सिंह भी हिंदू नाम रखकर हिन्दू लड़कियों को फंसाता है।
इसके लिए चर्च उनको फंडिंग करता है।
धर्म बदलो या 25 लाख लाओ -
शादी के 15 दिन पश्चात प्रशांत सिंह कुछ काम से बाहर गया था।सास सुनीता कुमारी ने बहुत मारा पीटा एंव कहा कि या तो धर्म बदल लो,या फिर अपने मां बाप से 25 लाख लेकर आओ नहीं तो तुम्हे मार डालूंगी।
फोन छीन लिया।
मनीषा का आरोप है कि पति का नाम प्रशांत सिंह है तो उसने यही समझा कि वह हिन्दू धर्मावलम्बी हैं ,लेकिन वहां जाने पर पता चला कि, सुनीता कुमारी ईसाई धर्मावलम्बी है।
मनीषा जब भी मंदिर जाने कि बात करती तो सुनीता कुमारी मार पीट एंव अभद्रता करती थी।
जून महीने के तीसरे सप्ताह में अमीषा को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मारा पीटा गया,चर्च के लोग घर आ गए। जब धर्म छोड़ने से मना किया कि वह अपने धर्म को नहीं बदलेगी।
तो कहा कि फिर मौत को गले लगा लो।
पति को बाहर भेज कर बनाया बंधक - मनीषा का आरोप है कि बीते 9 अगस्त को सुनीता कुमारी ने प्रशांत को बाहर भेज दिया,
अकेला पा कर मारा पीटा एवं मोबाइल फोन छीन कर कमरे में बंधक बना लिया।
मोबाइल फोन बंद होने से परेशान मनीषा की माता पिता और भाई 11अगस्त करीब 11:30 बजे ढूंढते पहुंचे, सुनीता कुमारी ने दरवाजा खोला पर उनसे जब पूछा कि बेटी कहां है तो कहा कि कहीं भाग गई। हमारे यहां नहीं रहती है। अपने माता-पिता वह भाई की आवाज सुन करके जिस कमरे में बंद थी उस कमरे का दरवाजा जोर-जोर से पीटने लगी, तो सुनीता कुमारी ने बड़े मुश्किल से उस कमरे का दरवाजा खोला तब अमीषा अपने भाई एवं माता जी के साथ सुरक्षित निकाल पाई।
उन्होंने बताया कि उसके मोबाइल कपड़े, एवं नगद करीब 5000/-, मंगलसूत्र, अंगूठी, पायल, बिछिया सब छीन लिया, करीब 24 घंटे तक बंधक बना कर रखा।सास सुनीता कुमारी के उपरोक्त कृत्यों में इनका लड़का प्रशांत सिंह भी बराबर सहयोग करता रहा है।मुकदमा दर्ज होने के बाद दोनों आरोपी फरार हैं।
इंस्पेक्टर पीजीआई ब्रजेश चंद्र तिवारी ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।