लखनऊ :
बांग्लादेश में हिंदू नरसंहार के विरोध में सड़कों पर उतरे सनातनी।।
◆बांग्लादेश में हिंदुओ पर अत्याचार के विरोध में सनातनियो ने निकाला पैदल मार्च।|
दो टूक : राजधानी लखनऊ के थाना पीजीआई क्षेत्र वृन्दावन योजना मे बीते रविवार की शाम बांग्लादेश में हिंदुओ पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में वृन्दावन सनातन समिति के नेतृत्व में सैकड़ों हिन्दुओं ने
वृंदेश्वर महादेव मंदिर वृन्दावन सेक्टर 16 से पीजीआई थाने तक शान्ति मार्च निकाल कर विरोध जताया और प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम इस्पेक्टर को ज्ञापन सौपा।।
विस्तार:
वृन्दावन सनातन समिति लखनऊ के बैनर तले सैकड़ों हिन्दुओं एवं पूर्व सैनिकों ने रविवार की शाम वृन्दावन योजना सेक्टर 16 से एसजीपीजीआई थाने तक बांग्लादेश मे अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर शांति विरोध प्रदर्शन किया।
वृंदावन सनातन समिति” के बैनर तले हिंदुओं का जन सैलाब सड़कों उमड़ पड़ा. क्षेत्र के प्रबुद्ध नागरिक जिनमें बड़ी संख्या में पुरुष महिलाएं और बच्चे शामिल थे, का जुलूस वृन्देश्वर मंदिर से ट्रामा सेंटर तथा हिमालय एन्क्लेव रोड होते हुए रायबरेली रोड पर पहुंचा और वहाँ से एसजीपीजीआइ कोतवाली लखनऊ पहुँचकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन एसजीपीजीआई कोतवाली प्रभारी बृजेश तिवारी को सौंपा. श्री शिव मिश्रा ने जुलूस में शामिल लोगों को ज्ञापन पढ़कर सुनाया
◆वृन्दावन सनातन समिति लखनऊ अध्यक्ष
शिव प्रकाश मिश्रा कहा कि वहां हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है और उनके मंदिरों, घरों और कार्यालयों में लूटपाट और आगजनी की जा रही है तथा संपत्तियां लूटी जा रही हैं. बड़े पैमाने पर हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहे हैं. हिंदू परिवारों का जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है और ऐसा न करने पर उनका सामूहिक नरसंहार किया जा रहा है. जान बचाने के लिए बड़ी संख्या में हिंदू भाग कर भारत की सीमा पर जमा हो रहे हैं जिन्हें सीमा सुरक्षा बल के जवान भारत में घुसने नहीं दे रहे हैं. देश के विभाजन के समय से वहाँ लगातार हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है. स्वतंत्रता के बाद से अब तक 5 करोड़ हिंदू लापता हो चुकें हैं या तो उनका धर्मांतरण कर दिया गया है या सुनियोजित तरीके से मार डाला गया है. 1947 में वहां हिंदुओं की जनसंख्या 28% थी जो आज घटकर 7% रह गई है. वर्तमान परिदृश्य में हिंदुओं का पूरी तरह से सफाया षड्यंत्र रचा गया है।
◆पूर्व सैनिक ए०के०ओझा ने कहा- बांग्लादेश में हाल के घटनाक्रम में हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है हिंदुओं के मंदिरों घरों कार्यालयों में लूटपाट और आगजनी की जा रही है. उनकी संपत्तियां लूटी जा रही हैं. बड़े पैमाने पर हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहे हैं. हिंदू परिवारों का जबरन धर्मातरण कराया जा रहा है. ऐसा न करने पर उनका सामूहिक नरसंहार किया जा रहा है. अपनी जान बचाने के लिए बड़ी संख्या में हिंदू भाग कर भारत की सीमा पर जमा हो रहे हैं. विडंबना देखिए कि जो सीमा बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिमों के घुसपैठ के लिए सुगम मार्ग है, जहाँ से आकर घुसपैठिए भारत के कोने कोने में बसते जा रहे हैं, वहीं हिंदू विस्थापितों को सीमा सुरक्षा बल के जवान भारत में घुसने नहीं दे रहे हैं. अत्यंत चिंता की बात है कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद सक्रिय हुआ सीमा सुरक्षा बल आज हिंदुओं को उसी तरह रोक रहा है जैसा विभाजन के समय जवाहरलाल नेहरू के निर्देश पर पूर्वी पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं के साथ किया गया था. इसके परिणामस्वरूप लार्खा हिंदुओं का कत्लेआम बांग्लादेश में हो गया था. स्वतंत्रता के बाद से अब तक पूर्वी पाकिस्तान / बांग्लादेश 5 करोड़ हिंदू लापता है, या तो उनका धर्मांतरण कर दिया गया है या उनका नरसंहार कर दिया गया है. 1947 में वहां हिंदुओं की जनसंख्या 28% थी जो आज घटकर 7% रह गई है।
वर्तमान परिदृश्य में ऐसा लग रहा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं का पूरी तरह से सफाया कर दिया जाएगा. दुनिया में हिंदुओं के लिए भारत के अलावा कोई और देश नहीं है, जहाँ जाकर वह शरण ले सके. ऐसे में सीमा सुरक्षा बल द्वारा हिंदू विस्थापितों को बंदूक की नोक पर पुनः बांग्लादेश में ढकेलना उन्हें मृत्युदंड देने के समान है।
इन परिस्थितियों में हिंदुओं की रक्षा के लिए बांग्लादेश में भारत का सैन्य हस्तक्षेप अपरिहार्य हो गया है. अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया।
ऐसे सभी आवश्यक कदम उठाए जिससे हिंदुओं के जानमाल की रक्षा हो सके. सीमा सुरक्षा बल को आवश्यक निर्देश दिए जाएं कि वह प्रारंभिक जांच पड़ताल के बाद हिंदू शरणार्थियों को भारत आने दे।
भारत में आने वाले सभी हिंदू शरणार्थियों को ओपन करने वाली सभी सुविधाएं तुरंत उपलब्ध कराई जाए।
उन्हें तुरंत भारत की नागरिकता प्रदान की जाए और यदि आवश्यक हो तो इसके लिए संशोधित नागरिकता कानून में भी संशोधन किया जाए।
भारत सरकार बांग्लादेश को दी जाने वाली सभी सुविधाएँ तब तक बंद कर दें जब तक कि हिंदुओं के विरुद्ध नरसंहार बंद नहीं हो जाता। आशा है आप बांग्लादेश में हिंदुओं की जानमाल की रक्षा के लिए तुरंत कदम उठाएंगे।
ज्ञापन सौंपने वालों में श्री शिव मिश्रा, डॉ गोमती द्विवेदी, डॉ. देवाशीष शर्मा, अखिलेश त्रिपाठी, प्रवीण पांडे, संदीप गोसाई, तथा शैलेश कुमार ने सौंपा।।