लखनऊ :
UPSTF ने आधा दर्जन डिजिटल शातिर बदमाशों को किया अरेस्ट।।
◆PGI के डाक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर की दो करोड़ की थी ठगी।।
दो टूक : यूपी एसटीएफ टीम ने एस जी पी जी आई की महिला प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर के उनसे दो करोड़ ठगी करने वाले गैंग के छ: शातिरो को गिरफ्तार करने बड़ी कामयाबी हासिल की है। गिरफ्तार शातिरो को थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में
मे दाखिल कर अग्रिम विधिक कार्रवाई मे जुटी हुई है है।
विस्तार :
यूपी एसटीएफ पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि
एसजीपीजीआई की एसोसिएट महिला प्रोफेसर को अदृश्य बदमाशों ने डिजिटल अरेस्ट कर लगभग 2 करोड रुपए की ठगी करने के मामला थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में दर्ज हुआ था जिसकी जांच यूपी एसटीएफ को मिली हुई थी। एसटीएफ टीम ने तकनीकी विशेषज्ञता एवं मुखबिर की सूचना पर शहीद पथ निकट गोमती नदी बन्धे से शुक्रवार को गैंगे के आधा दर्जन बदमाशों को गिरफ्तार कर थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में दाखिल किया गया है।
पकड़े गए शातिरो बदमाश लखनऊ के ही रहने वाले है जिनका आदिल, दीपक शर्मा, आयुष यादव, फ़ैज़ीबेग ,मोहम्मद ओसामा, मनीष कुमार है इन लोगों के पास से विभिन्न बैंक खातों में लगभग 30 लाख रुपए कराए गए फ्रीज़ व इन सभी के पास से बैंकिंग किट पास बुक एटीएम कार्ड चेक बुक,
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों बरामद किया गया है।
पूछताछ में बताया कि हम लोगों का एक गिरोह है जो लोगों के मोबाईल नम्बरों पर काल करके खुद को पुलिस / सीबीआई अधिकारी बताकर किसी न किसी बहाने से डराते-धमकाते है और उनकी डिटेल लेकर उनके खाते से अपने गिरोह द्वारा उपलब्ध कराये गये खाते में ट्रान्फर कर लेते हैं। हम लोग बायनेन्स ऐप द्वारा P2P के माध्यम से USDT की ट्रेडिंग करते है। जिसमें हम लोग USDT आनलाइन खरीद कर आनलाइन ही बेच देते है। यदि उस USDT को थर्ड पार्टी के माध्यम से बेचते हैं, तो उसके अच्छे दाम मिल जाते है। जिस कारण यह लोग अधिकतर थर्ड पार्टी ही USDT बेचते है। इस काम में ज्यादातर किसी न किसी से फ्राड करके लिए हुए पैसे होते है, इसलिए यह लोग अपना एकाउण्ट इस्तेमाल न करके अलग-अलग लोगों को प्रलोभन देकर उनसे खाता खुलवाते है और उस खाते की किट (एटीएम, पासबुक, चेकबुक, रजिस्टं मोबाइल नम्बर) अपने पास रख लेते हैं। जिससे कि ओ०टी०पी० व अन्य वेरिफिकेशन में कोई समस्या न आय और पैसा आसानी से निकाला जा सके।
अभियुक्तों द्वारा बताये गये बैंक खाते, वालेट आदि की जानकारी व गिरोह के अन्य सदस्यो की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फारेंसिक परीक्षण कराया जोयेगा।
पांच दिन तक कर रखा था डिजिटल अरेस्ट वसूले थे दो करोड़।
बताते चले कि विगत दिनों एस०पी०जी०
आई० लखनऊ की एसोसिएट प्रोफेसर के मोबाइल पर किसी अज्ञात नम्बर से काल आया। जिस पर उनके द्वारा काल रिसीव करने पर कालर द्वारा स्वय को सी०बी०आई० मुम्बई का पुलिस अधिकारी बताकर कहा गया कि मनी लांड्रिंग का केस हुआ जिसमें आपके खाते का इस्तेमाल किया गया है। इसी तरह बात करके उनको प्रभाव में लेते हुए बैंक व उनकी सारी डिटेल प्राप्त कर लिया गया। जिसके उपरान्त लगभग 05 दिन से अधिक समय तक उन्हें डीजिटल अरेस्ट करके रखा गया एवं उनके खाते से लगभग 02 करोड़ से अधिक का पैसा अपने खाते में ट्रान्सफर कर लिया गया। जब इनको इस बात का एहसास हुआ कि मेरे साथ ठगी की घटना हो गयी है तब इनके द्वारा थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में मु०अ०सं० 132/2024
धारा 319(2), 318(2), 338, 336, 340, 61(1) अ बी०एम०एस० व 60डी आई०एक्ट० का अभियोग पंजीकृत कराया था।