अम्बेडकरनगर:
कुएं के जीणोद्धार में भी कुछ जिम्मेदार बन रहे बाधक।।
।। ए के चतुर्वेदी ।।
दो टूक : पांच दशक पहले तक ग्रामीण इलाकों में पानी का परम्परागत मुख्य स्रोत कुआ हुआ करता था । पीने के साथ-साथ सिंचाई के लिए कुआं ही साधन हुआ करते थे। हमारी संस्कृति और परंपराओं में कुओं की बड़ी महत्ता थी। मांगलिक कार्यक्रमों में भी कुओं के पास कई आयोजन हुआ करते थे। लेकिन बदलते परिवेश के चलते मौजूदा समय कुएं अंतिम सांसें गिन रहे हैं। सरकार भी कुऐं को सरंक्षित करने मे जुटी हुई है जिससे जलस्तर बनाए रखा जाय।।लेकिन कुछ लोग इस काम मे बाधा बन रहे है।
विस्तार:
अम्बेडकर नगर जनपद के विकास खंड अकबरपुर अन्तर्गत नौगवा ( गोपालपुर) में सार्वजनिक कुएँ पर हो रहे निर्माण कार्य को रुकवाया दिया गया ।दबंग व्यक्ति ने अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए निर्माण को व्यक्तिगत लाभ के लिए कुछ वर्ष पूर्व कुएँ के चबूतरे को तोड़ा था ।ग्रामीणों के विरोध पर ग्राम प्रधान ने आज कुएं का काम शुरू कराया था। लेकिन यह बात कुछ लोगों को राश नहीं आई। बताया जाता है कि मामले में सत्ता पक्ष नेता का भी हाथ है सफेदपोशो के कहने पर बेवाना थानाध्यक्ष ने ग्राम प्रधान को फोन कर काम को रुकवाया दिया।पुस्तैनी कुएं पर गांव से निकलने वाली बारात की होती है रस्म अदायगी रस्म अदायगी परनेता, दबंग और थानाध्यक्ष ग्रहण लगा रहे हैं।सैकड़ों वर्ष पुराने कुएं का अस्तित्त्व खत्म करना चाह रहे हैं ।निर्माण कार्य रुकने की वजह से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है सरकार कुआँ बनवा रही है दबंग और सत्तासीन निर्माण रुकवा रहे हैं।गांव के 99% लोग कुएं के निर्माण कार्य के पक्ष में हैं।