गुरुवार, 26 सितंबर 2024

आजमगढ़ :संगीतमयी श्रीमद्भागवद कथा सुनने को उमड़ा आस्था का जनसैलाब।।||Azamgarh: A huge crowd gathered to listen to the musical Shrimad Bhagwat Katha.||

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आजमगढ़ :
संगीतमयी श्रीमद्भागवद कथा सुनने को उमड़ा आस्था का जनसैलाब।।
।। सिद्धेश्वर पाण्डेय।।
दो टूक : कथा मे श्रीकृष्ण भक्त एवं बाल सखा सुदामा के चरित्र का वर्णन सुनकर लोग हुए भावविभोर ।।
दो टूक :आजमगढ़ जिले के फूलपुर  नगर स्थिति श्रीरामलीला मैदान में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत  कथा के  अंतिम दिन बृहस्पतिवार को कथा सुनने आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान कथावाचक श्री आशुतोष महाराज जी ने बड़े ही सुन्दर ढंग से श्रीकृष्ण भक्त एवं बाल सखा सुदामा के चरित्र का वर्णन किया गया।  
सर्व प्रथम आरती की गई। इसके बाद वादन  कलाकारों ने अपनी सधी  हुई प्रस्तुतियों को भगवान श्री कृष्ण के चरणों में समर्पित किया। प्रवचन की कड़ी में कथा वाचक  श्री आशुतोष महाराज जी  ने  सच्ची मित्रता को परिभाषित करते हुए कहा कि सच्चे मित्र के गुण हमें सुदामा और श्रीकृष्ण तथा सुग्रीव और राम की मित्रता से लेनी चाहिए। सुदामा बहुत ही गरीब ब्राह्मण थे, उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से मित्रता की और भगवान श्रीकृष्ण ने कभी भी अपने मित्र के साथ भेद भाव या ऊंच नीच वाला व्यवहार नहीं किया। श्री कृष्ण भक्त वत्सल हैं। सभी के दिलों में विहार करते हैं, जरूरत है तो सिर्फ शुद्ध हृदय से उन्हें पहचानने की। उन्होंने कहा कि संतोष सबसे बड़ा धन है। सुदामा की मित्रता भगवान के साथ नि:स्वार्थ थी। उन्होंने कभी उनसे सुख साधन या आर्थिक लाभ प्राप्त करने की कामना नहीं की, लेकिन सुदामा की पत्नी द्वारा पोटली में भेजे गए चावलों में भगवान श्रीकृष्ण से सारी हकीकत कह दी। प्रभु ने बिन मांगे ही सुदामा को सब कुछ प्रदान कर दिया। पंडित दुर्गेश पांडेय ने सभी का आभार प्रकट किया।