शनिवार, 14 सितंबर 2024

गोण्डा- इटियाथोक क्षेत्र मे मोबाइल टाबर के जनरेटर का डीजल बेंचकर जिम्मेदार हो रहे मालामाल, उपभोक्ता हैँ बेहाल, रोस्टिंग व लाइन फाल्ट से नहीं आती बराबर विजली और नेट स्पीड रहती खराब

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दो टूक, गोण्डा- जिले के इटियाथोक ब्लाक क्षेत्र मे निजी कम्पनियो के अनेक मोबाइल टाबर ग्रामीण क्षेत्र मे लगाए गए हैँ। इलाके के हजारों उपभोक्ता महंगे रिचार्ज भी कराते हैँ लेकिन जिम्मेदारो के हेरा-फेरी के चलते लोगो को बेहतर नेट स्पीड और मोबाइल का अच्छा नेटवर्क नहीं मिल पाता है और उपभोक्ता परेशान रहते हैँ। 

ब्लाक क्षेत्र मे भारी संख्या मे निजी कम्पनियो के मोबाइल यूज़र हैं, जिनको हमेशा बेहतर नेटवर्क की जरूरत रहती है। इस नेटवर्क के सबसे अहम हिस्से, मोबाइल टावर को 24 घंटे - 365 दिन चालू रखने में काफ़ी ऊर्जा/ विजली चाहिए होती है। शहरी इलाकों में लगे टावरों को आमतौर पर बेहतर बिजली मिल जाती है, लेकिन ग्रामो मे बिजली की सुचारू व्यवस्था नहीं होने की वजह से अधिकान्स मोबाइल टावर डीज़ल जेनरेटरों के भरोसे चलते हैं। हर टावर को लगभग उतनी ही बिजली चाहिए होती है जितनी आम तौर पर किसी शहरी घर में खर्च होती है। ग्रामो मे अक्सर विजली खराब रहने और जनरेटर बंद रहने से यह टाबर बेहतर सेवा नहीं दे पा रहे हैँ।

इटियाथोक क्षेत्र मे स्थापित अनेक मोबाइल टाबर आज भी सोलर सिस्टम की जगह विजली और जनरेटर पर निर्भर हैँ। सूत्रों ने बताया की टाबर मे उपयोग की गई बैटरी (तकनीकी वजह से) देर तक नहीं चल पाती हैँ और ग्रामीण क्षेत्र मे विजली अक्सर गायब रहती है। विजली न रहने पर जनरेटर को चलाया जाना चाहिए जो की हमेशा चलता नहीं है, इस वजह टाबर प्रायः दगा दे रहे हैँ। आपको बता दे की क्षेत्र मे यह दिक्क़त कई जगहों पर हो रही है और इसकी जांच पड़ताल करने वाला शायद कोई नहीं है। 

सूत्रों की माने तो यहाँ टाबर के जनरेटर का डीजल बेंचकर जिम्मेदार मालामाल हो रहे हैँ और मोबाइल उपभोक्ता बेहाल हैँ। ग्रामीण इलाको मे वर्तमान समय मे भीषण कटौती व लाइन फाल्ट से विजली प्रायः गायब रहती है और टाबर के जनरेटर अक्सर बंद रहते हैँ। इस वजह से नेट स्पीड खराब रहने के साथ ही कमजोर नेटवर्क का सामना लोगो को करना पड़ता है।

"कल के पड़ताल मे हकीकत आई सामने" 
           इटियाथोक ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत अयाह गाँव मे मौजूद प्राइमरी स्कूल के पास काफी दिनों से एयरटेल कम्पनी का टाबर लगा है। हाल मे ही वोडाफोन ने समझौता कर अपना भी सिस्टम इस टाबर पर लगा दिया है। शुक्रवार 13 सितंबर को शाम को यहाँ क्षेत्र मे कई घंटे विजली गायब रही और टाबर का जनरेटर बंद पाया गया। ऐसे मे दोनों कम्पनी के खराब नेट स्पीड के चलते उपभोक्ता परेशान रहे। शाम को करीब 7 बच्चे एक यूवक टाबर के जनरेटर मे छोटे से जेरीकैन से डीजल डाला और जनरेटर को चालु किया तब जाकर क्षेत्र मे नेट की स्पीड सही हुई। जनरेटर बंद रहने के बावत पूछने पर यूवक ने बताया की हमारी यहाँ कोई तैनाती नहीं है तेल डालकर जनरेटर चलाने के लिए हमें अन्य व्यक्ति के द्वारा भेजा गया है। स्थानीय लोगो ने इस टाबर के बारे मे कहा की विजली रहने पर बढ़िया चलता है और विजली न रहने पर अक्सर जनरेटर बंद रहता है और खराब सेवा मिलती है। अयाह गाँव मे ही बड़े शिवाला के पास जियो कम्पनी का एक टाबर लगा है जहाँ जनरेटर की कोई व्यवस्था नहीं है, यह विजली के भरोसे है। लोगो ने बताया की विजली न रहने पर यह ठीक से काम नहीं करता है। कुल मिलाकर निजी मोबाइल कम्पनिया यहाँ लोगो को बेहतर सेवा न देकर उन्हें महंगे रिचार्ज के नाम पर लूट रही हैँ और उनपर नकेल कसने मे "ट्राई" फेल साबित हो रहा है।