सोमवार, 23 सितंबर 2024

गोण्डा- मण्डलायुक्त ने कर करेत्तर और राजस्व वसूली की समीक्षा बैठक में दिए सख्त निर्देश, लापरवाही पर होगी कड़ी कार्रवाई, तहसील व जनपद के टॉप टेन बकायेदारों से होगी राजस्व वसूली

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दो टूक, गोण्डा- मण्डलायुक्त देवीपाटन मण्डल शशि भूषण लाल सुशील की अध्यक्षता में सोमवार को कर करेत्तर, राजस्व कार्य और राजस्व वादों की मण्डलीय मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक मण्डलायुक्त सभागार में सम्पन्न हुई, जिसमें गोण्डा, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती जनपदों के अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य राजस्व वसूली, कर करेत्तर की प्रगति की समीक्षा और लम्बित राजस्व वादों के निस्तारण की गति तेज करना था। समीक्षा में मण्डल के सभी जनपद में कर करेत्तर राजस्व वसूली की प्रगति खराब पाये जाने पर आयुक्त ने काफी नाराजगी जताई।

मण्डलायुक्त ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वसूली के मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जाए। बैठक में कर करेत्तर और राजस्व वसूली की विस्तार से समीक्षा की गई।

मण्डलायुक्त ने वाणिज्य कर, स्टाम्प एवं पंजीकरण, आबकारी, परिवहन, विद्युत, वन और खनन विभाग, अलौह खनन आदि की मासिक वसूली प्रगति का गहन विश्लेषण किया। प्रगति खराब मिलने पर उन्होंने निर्देश दिया कि सभी विभाग लक्ष्यों के अनुसार वसूली सुनिश्चित करें। राजस्व वसूली में किसी प्रकार की लापरवाही को लेकर मण्डलायुक्त ने चेतावनी देते हुए कहा कि जिन विभागों द्वारा लक्ष्य हासिल नहीं किया जाएगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि मासिक लक्ष्यों को हर हाल में पूरा करना होगा ताकि वित्तीय वर्ष के अंत तक निर्धारित राजस्व लक्ष्यों को समय पर प्राप्त किया जा सके।

आयुक्त की समीक्षा में निकलकर आया कि मण्डल स्तर पर वाणिज्यकर में 38.80 करोड़ रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष 25.23 करोड़ रुपये की वसूली हुई, जिसमें गोण्डा जनपद सबसे आगे और बहराइच सबसे पीछे रहा। स्टाम्प और पंजीकरण में 49.79 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 40.58 करोड़ रुपये की वसूली हुई, जिसमें गोण्डा सबसे आगे और बलरामपुर सबसे पीछे रहा। आबकारी विभाग में 102.30 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 85.26 करोड़ रुपये की वसूली हुई, जिसमें बहराइच सबसे आगे और गोण्डा सबसे पीछे रहा।

परिवहन विभाग में 16.16 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 11.63 करोड़ रुपये की वसूली हुई, जिसमें श्रावस्ती सबसे आगे और बलरामपुर सबसे पीछे रहा। वन विभाग में 5.35 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 3.83 करोड़ रुपये की वसूली हुई, जिसमें गोण्डा सबसे आगे और बलरामपुर सबसे पीछे रहा। 

बैठक में मण्डल के न्यायालयों में लंबित पड़े राजस्व वादों की समीक्षा की गई। मण्डलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 5 वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों को प्राथमिकता देकर जल्द से जल्द निस्तारित किया जाए। बिना पक्ष सुनें वाद का निस्तारण ना किया जाये, सभी पक्षों को सुनकर ही वाद निस्तारित किया जाये। धारा 80 के तहत लंबित सभी मामलों का समयबद्ध निस्तारण किया जाए, अन्यथा संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

मण्डलायुक्त ने चेताया कि अनावश्यक रूप से किसी भी मामले को लंबित न रखा जाए। इसके साथ ही उन्होंने अगले माह तक मामलों की स्थिति में सुधार नहीं होने पर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी। मण्डल में 5 वर्ष से अधिक पुराने 2847 वादों में से अब तक केवल 496 वाद निस्तारित हो चुके हैं, जिसमें सबसे अधिक 248 वाद बलरामपुर जनपद में निस्तारित किए गए हैं।

मण्डलायुक्त ने भू-माफियाओं और अतिक्रमणकर्ताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने मण्डल के सभी जिलों में भू-माफियाओं से संबंधित प्राप्त शिकायतों की समीक्षा की। मण्डल में कुल 13318 भू-माफियाओं की शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनमें से 12956 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। मण्डलायुक्त ने स्पष्ट किया कि भू-माफिया से संबंधित लंबित मामलों का भी जल्द निस्तारण किया जाए और सभी अधिकारी इन मामलों में शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित करें।

आईजीआरएस पर कुल 251324 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 245108 शिकायतों का निस्तारण हो चुका है। मण्डलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आईजीआरएस पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता की बात सुनकर ही आख्या लगाई जाए और यदि शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही हुई तो मुख्यमंत्री कार्यालय से कार्रवाई होगी।

मण्डलायुक्त ने बैठक में मौजूद सभी विभागों से प्रदेश स्तर पर अपनी रैंकिंग सुधारने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रवर्तन की कार्रवाई में तेजी लाने और तहसीलदारों के माध्यम से राजस्व वसूली को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कर करेत्तर राजस्व प्राप्ति में सभी जिलों की खराब प्रगति पर नाराजगी जताई और इसे तुरंत सुधारने के निर्देश दिए।

बैठक में मण्डल के अपर आयुक्त, संयुक्त विकास आयुक्त, मुख्य राजस्व अधिकारी, सभी जिलों के अपर जिलाधिकारी और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।