दो टूक, गोण्डा- कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं हो सकता? जरा एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों, इस पंक्ति का आशय है कि दुनिया का कोई भी काम असंभव नहीं है, बस बात इतनी सी है कि जो काम जितना कठिन होगा उसमें उतनी ही अधिक मेहनत लगानी होगी और अंत मे सफलता जरूर मिलेगी।
जी हां- कुछ ऐसा करके दिखाया है गोण्डा जिले के इटियाथोक ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत भीखमपुरवा गाँव के शिक्षक व अग्रणी किसान मनोज मिश्रा ने। कोरोना काल के लाकडाऊन ने इनको बहुत कुछ सीखने और करने का मौका दिया। उन दिनों ज़ब सभी के दूकान और व्यापार बंद थे तब इन्होने खेती किसानी पर विशेष ध्यान दिया। उस वक्त इन्होने जैविक विधि से भारी मात्रा मे सब्जी उगाया और तभी से इनकी हिम्मत बढ़ गई और अब गन्ने व केले की उत्तम खेती कर रहे हैँ।
श्री मिश्र ने बताया की पिछले साल इन्होने गन्ने व केले की बिक्री कर बेहतर लाभ अर्जित किया था। मेहनत का फल आज यानी 26 सितंबर को एक बार फिर इनको मिला और पहली राउण्ड मंडी की ओर इनकी केले की उपज रवाना हुई, जबकि इनके खेत मे अभी भारी मात्रा मे केले की उपज लगी है जिसे नवरात्र का इन्तजार है।। गोण्डा से प्रदीप पांडेय की रिपोर्ट।।