बुधवार, 18 सितंबर 2024

लखनऊ :DIG अखिलेश निगम को साहित्य महोपाध्याय मिला सम्मान।।||Lucknow : DIG Akhilesh Nigam received Sahitya Mahaopadhyay honour.||

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लखनऊ :
DIG  अखिलेश निगम को साहित्य महोपाध्याय मिला सम्मान।।
दो टूक : उत्तर प्रदेश में हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा हिंदी पखवाड़ा में आयोजित हिंदी दिवस समारोह का प्रयागराज में भव्य आयोजन किया गया, जिसमें प्रख्यात साहित्यकार डॉ० अखिलेश निगम`अखिल` पुलिस उपमहानिरीक्षक सी.बी.सी.आई.डी. सहित पांच साहित्यकारों को साहित्य महोपाध्याय की मानक उपाधि से सम्मानित किया गया। वर्ष 1910 से हिंदी भाषा एवं साहित्य को समर्पित भारत की सुप्रसिद्ध संस्था हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा आयोजित हिंदी दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रयागराज उच्च न्यायालय न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमसेरी, विशिष्ट अतिथि महापौर प्रयागराज उमेश चंद्र गणेश केसरवानी रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर कृष्ण बिहारी पांडे ने की।


इस अवसर पर देश के पांच विशिष्ट साहित्यकारों जिसमें डॉ० अखिलेश निगम`अखिल` डी.आई.जी. सी.बी.सी.आई.डी. लखनऊ, गिरजा शंकर शुक्ल `गिरीश` रीवा (मध्य प्रदेश), दिनेश चंद्र अवस्थी लखनऊ, डॉ० रामानंद शर्मा (मुरादाबाद) एवं डॉ० सुनील कुमार पांडे (सुल्तानपुर) को उनके साहित्य सर्जना एवं हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार हेतु किए गए योगदान के लिए साहित्य महोपाध्याय की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए डॉ० अखिल निगम `अखिल` ने हिंदी को रोजगार से जोड़ने की आवश्यकता बताई जिससे संपूर्ण भारत में हिंदी के पठन-पाठन की ओर आम जनता की वास्तविक रुझान हो साथ ही शिक्षा नीति में हिंदी राज्यों में कम से कम एक प्रांतीय भाषा तथा अहिंदी प्रदेशों में उनके प्रांतीय भाषा के साथ-साथ हिंदी को पाठ्यक्रम में सम्मिलित कर त्रिभाषा योजना लागू करने की वकालत की। 

मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमसेरी ने कहा कि आजकल न्यायपालिका में हिंदी में निर्णय दिए जा रहे हैं,
हिंदी में बहस हो रही है यह सुखद है। उन्होंने यह भी कहा कि मूलभूत शिक्षा की कमी होने के कारण आज हिंदी में अच्छा साहित्य लिखे जाने के बावजूद पढ़ा नहीं जा रहा है इसके लिए आम जनमानस में हिंदी भाषा के पठन-पाठन हेतु जन जागरण की आवश्यकता है। अध्यक्षता कर रहे कृष्ण बिहारी पांडे ने कहा कि हमें हिंदी के साथ-साथ भारतीय भाषाओं का भी सम्मान करना चाहिए। इस अवसर पर हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रधानमंत्री कुंतक मिश्र डॉ० रामकिशोर शर्मा एवं अन्य विद्वान उपस्थित रहे, सम्मेलन में विभिन्न स्कूल एवं कॉलेज के छात्र-छात्राओं के मध्य हिंदी निबंध प्रतियोगिता कराई गई तथा उन्हें सम्मान पत्र प्रदान किए गए।