गोण्डा :
धड़ल्ले से बिक रही नकली चाय,कैंसर जैसी बिमारी का खतरा।।
।। प्रदीप शुक्ला ।।
दो टूक : चाय हमारे दैनिक जीवन में इस कदर अपनी जगह बना चुका है की मानो इसके बिना किसी से मुलाक़ात मीटिंग पार्टी य अन्य आयोजन सब कुछ अधूरा है। किन्तु यही चाय का प्याला अब लोगों को कैंसर जैसी गम्भीर बिमारी की तरफ ढकेल रहा है। ऐसा इसलिए क्यों की आज कल होटलों ताजा टाटा अग्नि सूनागाझी तुलसी जैसी नामी चाय की पत्ती निर्यात करने वाली कम्पनियों की जगह नकली चाय की पत्ती गार्डेन टी इस्तेमाल में लाइ जा रही है।
गार्डेन टी नाम की चाय पत्ती होटल मालिकों को इस लिए भा रही है क्योंकि ये थोड़ी सी चाय पत्ती कम समय में रंग गहरा कर देती है। इस बारे में कुछ लोगों का मत है की चाय पीने के तुरन्त बाद जी मचलाने जैसी समस्या होने लगती है। इसका कारण तेजी से अपना कलर छोड़ने वाली गार्डेन टी चाय पत्ती है। जिसे छन्नी से छानने के बाद भी कुल्हड़ अथवा कांच के गिलास में बारीक कण नीचे बैठ जाता है जिसका कुछ अंश चुस्की लेते समय हलक से उतर कर हमारे पेट में भी पहुंचता है। नाम ना छापने की शर्त पर एक होटल संचालक ने बताया की ये चाय की पत्ती बहुत ही सस्ती मिलती है। सेल्स मैन सप्ताह में एक बार आ कर इकट्ठी दे जाता है। गार्डेन टी बाज़ार की दुकानों पर नही मिलता है।