सोमवार, 30 सितंबर 2024

लखनऊ :कुलियों ने अपनी मांगों को लेकर शुरु किया सत्याग्रह अभियान,रेल मंत्री के नाम सौपा ज्ञापन।||Lucknow : Porters started Satyagraha campaign for their demands, submitted memorandum to the Railway Minister.||

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लखनऊ :
कुलियों ने अपनी मांगों को लेकर शुरु किया सत्याग्रह अभियान,रेल मंत्री के नाम सौपा ज्ञापन।
• हर नागरिक का सम्मानजनक जीवने का आधिकार:सुरेश यादव।।
दो टूक: संविधान हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार देता है और सरकार का दायित्व है कि वह इसे सुनिश्चित करें। रेलवे में हो रहे निजीकरण और आधुनिकीकरण के कारण कुलियों के लिए अपने परिवार का भरण पोषण करना बेहद कठिन होता जा रहा है। ऐसे में सरकार को 2008 की तरह एक बार फिर से कुलियों को रेलवे में नौकरी देनी चाहिए ताकि वह सम्मानजनक जीवन जी सकें। यह मांग आज पुरजोर तरीके से पूरे देश में शुरु हुए कुलियों के सत्याग्रह अभियान के तहत मांग दिवस में उठी। आज कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और वास्को डी गामा से लेकर हावड़ा तक 68 डीविजनल मुख्यालयों पर रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के नाम संबोधित मांग पत्र डीआरएम के माध्यम से भेजे गए। इस कार्यक्रम में सैंकड़ो की संख्या में कुलियों ने भाग लिया, कुछ स्टेशनों पर स्टेशन मास्टर के माध्यम से भी ज्ञापन भेजे गए। लखनऊ में उत्तर रेलवे के डीआरएम सत्येंद्र मोहन शर्मा और एडीआरएम नीलमा सिंह ने चारबाग स्टेशन पर कुली यूनियन अध्यक्ष राम सुरेश यादव और फत्ते मोहम्मद के नेतृत्व में इकठ्ठा कुलियों से ज्ञापन लिया।

       ज्ञापन में रेल मंत्री को अवगत कराया गया कि  सरकारी विज्ञापन के द्वारा और शारीरिक योग्यता परीक्षा के बाद कुलियों की भर्ती की जाती है। कुली रेलवे के अभिन्न अंग है और आज सरकार की रेलवे में लागू की जा रही नीतियों के कारण उनके समक्ष जीवन चलाने का बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है। कुलियों की आमदनी बेहद कम हो गई है। मौजूदा सरकार इसे हल करने की जगह इस संकट को लगातार बढ़ा रही है। पहले स्टेशनों पर बैटरी रिक्शा लाई गई और हाल ही में प्रयागराज डिवीजन में आउटसोर्सिंग कंपनी को ट्रॉली सेवा देने का टेंडर दिया गया है जो सीधे तौर पर कुलियों के पेट पर लात मारना है। 

    ज्ञापन में कहा गया कि स्टेशनों पर संचालित की जा रही बैटरी रिक्शा या ट्रॉली की व्यवस्था के नियमों को इस प्रकार बनाया जाए कि वह कुलियों के काम को प्रभावित न करें। बैटरी रिक्शा सिर्फ वृद्ध, विकलांग और बीमार व्यक्तियों के लिए चलाई जाए और ट्राली की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाए। साथ ही कुलियों को चिकित्सा सुविधा, उनके बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा, उन्हे वर्ष भर में 3 सूती और 1 ऊनी वस्त्र देने और उनके लिए बेड, आरओ, एलईडी टीवी युक्त विश्राम गृह बनाने के रेल मंत्रालय के आदेश है, जिनका अनुपालन सुनिश्चित करने की मांग भी की गई। 
   
          कार्यक्रम का नेतृत्व अदनान, अरुण कुमार यादव, राघवेंद्र प्रताप सिंह, कलीम मकरानी, गोलू ठाकुर, सुरेंद्र, रामजन्म यादव, अलीमुद्दीन, अमित, राज कपूर, राजू नई दिल्ली, राजकुमार यादव वर्धमान, चंदेश्वर मुखिया न्यू जलपाईगुड़ी, जितेंद्र डांगी उदयपुर, नौशाद जोधपुर, अनिल, रमेश सांवले भुसावल, रामबाबू बिलाला, राम महावर भोपाल, रुस्तम मकरानी, जीशान अली जबलपुर, अब्दुल माजिद, राजू टेक नागपुर, अरुण कुमार हाजीपुर, बैंकट रामाराव बिलासपुर, रहमतुल्लाह, वेंकट कांजीपेट सिकंदराबाद, कारी कृष्णा विशाखापट्टनम, कश्मीरी लाल जालंधर, विजय सिंह उधमपुर, विजय दास उड़ीसा, गुरु राम माधव चेन्नई,  अमजद हुबली, कन्हैया कुमार यादव हावड़ा, रमेश ठाकुर असम, मोहम्मद हाशिम अहमदाबाद, हनुमंत वास्कोडिगामा गोवा, बुधराम हजरत निजामुद्दीन आदि लोगों ने अपनी बात रखी है।।