लखनऊ :
राजकीय संकेत विद्यालय में धूमधाम से भारतीय संस्कृति के साथ मनाया गया शिक्षक दिवस।।
दो टूक : दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित लखनऊ के मोहान रोड़ पर स्थित मूकबधिर बालकों का
राजकीय संकेत विद्यालय में छात्रों द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए ।
आयोजित कार्यक्रम में नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा की गई प्रस्तुति से उपस्थित शिक्षकों के चेहरे खिल उठने के साथ साथ मन भावुक हो गए।।
इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य हरिशंकर ने छात्रों को शिक्षक दिवस के बारे में जानकारी दी और बताया कि हर साल 5 सितंबर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है देश के स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और देश के उन सभी शिक्षकों को श्रद्धांजलि देकर इस दिन छात्र अपने शिक्षक को विशेष सम्मान देते हुए मानते हैं जो छात्रों को सिखाने में मदद करने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं ,वहीं विश्व शिक्षक दिवस एक महीने बाद यानी 5 अक्टूबर को मनाया जाता है इसी क्रम में उपस्थित शिक्षिका रोली पटेल ने भी शिक्षक दिवस के अवसर पर बच्चों को या बताया की 5 सितंबर को ही शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है इस दिन का क्या इतिहास और महत्व है भारत में शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में मनाया जाता है।
भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे वह एक महान दार्शनिक और विद्वान थे उन्हें 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, और 1963 में उन्हें विशिष्ट रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट कि मानद सदस्यता प्रदान की गई थी। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1988 को मद्रास प्रेसीडेंसी में हुआ था प्रसिद्ध शिक्षक राधाकृष्णन ने कोलकाता विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित प्रतिष्ठानो में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया है ,वे एक महान लेखक भी थे उन्होंने अमेरिका और यूरोप में अपने व्याख्यानों के माध्यम से अंतर राष्ट्रीय सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा दिया शिक्षक दिवस शिक्षक और छात्र के बीच रिश्ते को बहुत महत्व देता है, कार्यक्रम के अंत में कक्षा एक के छात्र वेद प्रताप सिंह सहित सभी कक्षाओं के छात्रों ने अपने गुरुजनों को पुष्प और उपहार देकर चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया और उपस्थित सभी शिक्षकों का मान सम्मान बढ़ाया समाज को और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं को एक बेहद महत्वपूर्ण संदेश भी दिया ।।