लखनऊ :
बालिका विद्यालय में जीवों के प्रति प्रेम पर कार्यशाला का हुआ आयोजन।।
मानव सभ्यता से ही पशु पक्षी हमारे अभिन्न अंग : डॉ लीना मिश्र
दो टूक : बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज, मोती नगर, लखनऊ में आज जीवाश्रय नामक एक लाभकारी पशु कल्याण संगठन द्वारा वन्य एवं पालतू जीवों के प्रति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य बच्चों, युवाओं और समस्त समाज में जीव जंतुओं के प्रति संवेदनशीलता के साथ सकारात्मक दृष्टि पैदा करना है। इस कार्यक्रम का आयोजन कोऑर्डिनेटर अर्चना मुखर्जी और संस्था में कार्यरत साक्षी राय, मृदुल गुप्ता, विशाल वर्मा के सहयोग से हुआ। उन्होंने छात्राओं को प्रोजेक्टर तथा मुद्रित सामग्री के माध्यम से पशुओं की देखभाल और उनकी रक्षा करने हेतु संवेदनशील बनने के लिए प्रेरित किया। साथ ही छात्राओं से अपेक्षा की कि वे अपने घर परिवार, आस पड़ोस, हित मित्रों को भी इस संदर्भ में जागरूक करें जिससे समाज में जीवों के प्रति बढ़ती हुई हिंसात्मक एवं नकारात्मक प्रवृत्ति को रोका जा सके। कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र ने सभी का विद्यालय परिसर में स्वागत कर विषय प्रवर्तन किया और कहा कि मानव सभ्यता की शुरुआत से ही हमारा जीव जंतुओं और पशु पक्षियों का साथ रहा है, जिसका उदाहरण हमारे सभी धार्मिक और पौराणिक ग्रंथों में प्राप्त होता है। हमें ये संदर्भ मिलते हैं कि कभी रामायण काकभुशुण्डि के मुंह से सुनाई गई तो कभी एकलव्य ने अपने बाणों से कुत्ते का मुंह भर दिया। कभी जटायु ने सीता माता की रक्षा का अपने प्राणों की आहुति देकर भी प्रयास किया तो कभी भालू बंदर ने मिलकर भगवान राम की सेना में शामिल हो युद्ध कर राक्षसराज को पराजित किया। रामचरितमानस में यह संदर्भ मिलता है कि सीता माता का पता लगाने के लिए भगवान राम कहते हैं कि हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी, तुम देखी सीता मृगनयनी। राजा दिलीप की गौ सेवा से कौन अपरिचित है? इसलिए हमें सभी जीव जंतुओं पर दया और करुणा दिखाते हुए संवेदनशील रहना चाहिए और यथायोग्य उनकी सेवा करनी चाहिए। इस कार्यक्रम में पूनम यादव, उत्तरा सिंह, ऋचा अवस्थी, अनीता श्रीवास्तव और मंजुला यादव उपस्थित रहीं। छात्राओं ने बहुत ही गंभीरता से इस जागरूकता कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।