रविवार, 15 सितंबर 2024

मऊ :रविवार को खुला विद्यालय पहुंचे बच्चे और अविभावक।।Mau:Children and parents reached the open school on Sunday.||

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मऊ :
रविवार को खुला विद्यालय पहुंचे बच्चे और अविभावक ।।
आकांक्षा समिति समाज में व्याप्त समस्याओ पर काम करने का काम करती है: प्रीति  मिश्रा
।। देवेन्द्र कुशवाहा ।।
दो टूक :  जनपद मऊ के आकांक्षा समिति की अध्यक्ष जिलाधिकारी की पत्नी श्रीमती श्रीमती प्रीति मिश्रा ने समिति के सभी महिला पदाधिकारियों के साथ आज रविवार को सुबह दस बजे कम्पोजीट विद्यालय कोपागंज में छात्र छात्राओं के साथ उनके अविभावकों से मुख़ातिब हुई। जैसे आकांक्षा समिति के पदाधिकारियों का दल स्कूल के गेट पर पंहुचा बच्चियों ने ने उनके उपर पुष्प वर्षा कर के उनका स्वागत व अभिनंदन किया कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण के साथ शुरु हुआ। इसके बाद  विद्यालय के छात्र छात्राओं ने स्वागत गीत के साथ कक्षा आठ की छात्रा निकिता ने बेटा बेटा क्यूँ करती हो  बेटी भी क्या कम हूँ... गीत गा कर सबको सोचने पर विवश कर दिया।  आकांक्षा समिति की अध्यक्षा प्रीति मिश्रा के साथ साथ सभी पदाधिकारियों को स्कूल के प्रधानाध्यापक व शिक्षक शिक्षिकाओं के तरफ से मोमेंटो व पुष्पगुच्छ भेट किया गया।  श्रीमती प्रीति मिश्रा ने मिडिया के सवालों का जबाब देते हुए कहाँ कि आकांक्षा समिति समाज में व्याप्त समस्याओ पर काम करने का काम करती हैं। इस समय यह समिति जनपद के स्कूलों का अवलोकन कर उनके समस्याओं का निराकरण कराने का कार्य कर रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने छात्रों के अभिभावकों  से संवाद करते हुए उनसे  कहा कि आप बेटा हो या बेटी सबको हर हाल में स्कूल अवश्य भेजे समिति के सदस्यों ने अपनी अपनी कक्षा से सर्वोच्च अंक लाने वाले बच्चों को पुस्तक व कॉपी प्रादन करते हुए उनका हौसला ऑबजाई की।इस दौरान विनोद कुमार, निरुपमा श्रीवास्तव, प्रियंका सिंह, ब्रजेश मिश्रा,शशि प्रभा मौर्य,मंजू तिवारी, निर्मला देवी, शर्मिला पाण्डेय, निर्मला देवी,आशा गुप्ता, प्रतिभा पाण्डेय, सुनीता यादव कंचन राय रामकवल, राजा राम,विद्यालय बच्चे  व बच्चियां के अभिवाक  आदि मौजूद रहें।
जनपद के आकांक्षा समिति की पदाधिकारियों की काफिला आकर कार्यक्रम कर चला भी गया  पर चंद कदम की दूरी पर थाने पर तैनात पुलिस को भनक तक नहीं लगा इतना ही नहीं पदाधिकारियों का काफिला वापस जाते समय जाम के झाम में फसता दिखा।